लॉकडाउन में राह आसान कर गई साइकिल

सुपौल्। कोसी के इलाके में साइकिल गरीबों की हवाई जहाज मानी जाती है। लॉकडाउन में भी साइकिल लोगों की राह आसान कर गई। सैकड़ों लोगों ने इस जहाज से हजारों किमी की दूरी नाप ली। कोसी के पिछड़े इस क्षेत्र में साइकिल ने बेटियों की स्कूल से नजदीकी तो बढ़ाई ही आलम तो यह है कि मुनिया की साइकिल से चुनिया की रोटी भी बनती है।

----------
गरीबों की जहाज साइकिल
कोसी के इस गरीब इलाके में साइकिल को गरीबों का जहाज माना जाता है। लगभग हर घर में साइकिल है। लोग इससे कहीं आने जाने के अलावा घर गृहस्थी के काम भी करते हैं। कहीं लाना ले जाना तो बेहद आसान है ही खराबी आने पर मरम्मत का खर्च भी अधिक नहीं है। चलाने के लिए न किसी लाइसेंस की आवश्यकता ना इसके लिए किसी डिग्री की।
मानसून की पूर्व तैयारी में जुटा नप, नाला की हो रही साफ-सफाई यह भी पढ़ें
--------
परदेश से अपनी माटी पर ले आई साइकिल
कोरोना संक्रमण को लेकर जब लॉकडाउन लगा तो सारे कारोबार ठप पड़ गये। एक तरफ बढ़ता संक्रमण और दूसरी तरफ काम बंद ऐसे में परदेश में रह रहे लोगों को भूख के बीच घर की याद आई। सैकड़ों लोग साइकिल से ही निकल पड़े घरों की ओर। लॉकडाउन के दौरान एक दिन साइकिल से 71 लोग दिल्ली से त्रिवेणीगंज पहुंचे थे। इसी तरह सैकड़ों लोग साइकिल से हजारों किलोमीटर की यात्रा कर जिले के विभिन्न स्थानों पर पहुंचे थे।
--------------
दी छात्राओं को पढ़ने की प्रेरणा
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री साइकिल योजना की शुरुआत ने छात्राओं को स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया। स्कूलों में छात्राओं की उपस्थिति बढ़ी और बालिका शिक्षा का प्रतिशत भी बढ़ा। बाद में छात्रों को भी साइकिल देने का प्रावधान किया गया।
-----------
मुनिया की साइकिल से बनने लगी चुनिया की रोटी
छात्र-छात्राओं को साइकिल देने का परिणाम सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं दिखा बल्कि साइकिल की संख्या काफी बढ़ने के कारण गली-गली साइकिल मरम्मत की दुकानें खुल गई जहां मुनिया की साइकिल मरम्मत कर चुनिया की रोटी बनने लगी।
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार