सामाजिक न्याय, धर्मनिपेक्षता की बात कर जनता को ठग रही है सरकार

मधुबनी। पूर्व केंद्रीय मंत्री सह सजद डी के राष्ट्रीय अध्यक्ष

देवेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार में तीन दशकों से शासन जेपी आंदोलन के बड़े व छोटो भाई
का रहा है। 30
वर्ष पूर्व बिहार के पास क्या नहीं था। मगर, सभी उद्योग एक-एक करके बंद हो गए। बड़े भाई-छोटे भाई के शासनकाल की अदूरर्दिशता, नासमझी तथा गलत उद्योग नीति के कारण लाखो-लाख मजदूरों को रोजी-रोटी की तलाश में बिहार
से बाहर जाने को मजबूर होना पड़ा है। कुशासन के लिए जिम्मेदार कौन है यह अवाम के समक्ष प्रश्न बनकर खड़ा
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है।
एक तरफ कोरोना से जानें जा रही हैं। दूसरी तरपफ ट्रेन, बसों, पैदल, रेल पटरी पर भूखे-प्यासे घर वापसी में प्रवासी
मजदूरों की जानें जा रही हैं। डबल इंजन की सरकार
चाहती तो प्रवासियों को यह दुर्दशा नहीं होती। मिथिलांचल की एक मजदूर की बेटी भूखे प्यासे 1200 किलोमीटर साइकिल चलाकर बीमार पिता को लेकर पहुंच जाने पर जो
राजनेता सहानुभूति दिखा रहे हैं। पुरस्कार देने, पढ़ाई कराने तथा नौकरी देने
का आश्वासन देने वाले राजघरानों को अपने शासनकाल की कुव्यवस्था, कुशासन तथा
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उद्योग बंद करने की गलत नीतियों के लिए शर्म करनी चाहिए। सामाजिक न्याय, धर्मनिपेक्षता की बात करके समाजवादी मुखौटा लगाकर गरीबों को बेरोजगारी में ढकेलकर, छलने
का कार्य 30 वर्षों में किया गया है। श्री यादव ने सरकार से मांग की है कोरोना संकटकाल में
तत्काल क्वारंटाइन सेंटरों में मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच की व्यवस्था दुरस्त हो, खाने की पुख्ता व्यवस्था हो व रोजगार उपलब्ध
कराने के लिए ठोस कार्य योजना बने।
Posted By: Jagran
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