संशोधित:::::::: अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यशैली के खिलाफ कर्मियों ने फूंका बिगुल

कोट-

कर्मचारियों के द्वारा दिए गए आवेदन को देखा हूं। दो लोग ऐसे हैं जिस पर आरोप सिद्ध है और दोनों कार्रवाई की जद में हैं। वैसे मैंने अधिकांश लोगों से बात की तो उन्होंने कहा कि उनसे धोखे से आवेदन पर हस्ताक्षर करा लिया गया है।
-कयूम अंसारी अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल --------------------------------------------- -अनुमंडल कार्यालय में पदस्थापित 27 कर्मियों ने लगाए कई गंभीर आरोप -कर्मियों ने अधीनस्थ से व्यवहार का सामान्य प्रशासन बिहार सरकार के निर्देशों का पढ़ाया पाठ -बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने आपात बैठक कर एक पक्ष के अंदर समाधान का दिया अल्टीमेटम जागरण संवाददाता, सुपौल: अनुमंडल पदाधिकारी का अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ अमर्यादित व्यवहार, असंसदीय भाषा का प्रयोग करने,मानसिक रूप से प्रताड़ित करने,अनावश्यक वेतन स्थगित एवं निलंबन की अनुशंसा करने से आजिज होकर सुपौल अनुमंडल कार्यालय के सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों ने अनुमंल पदाधिकारी के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। अनुमंडल कार्यालय में पदस्थापित 27 कर्मियों एवं पदाधिकारी ने 15 सूत्री मांगों का एक ज्ञापन अनुमंडल पदाधिकारी को समर्पित करते हुए सामान्य प्रशासन बिहार पटना के प्रधान सचिव के द्वारा उच्च पदस्थ पदाधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ पदाधिकारी एवं कर्मचारी के साथ सभ्य आचरण एवं मर्यादित व्यवहार करने के संबंध में दिए गए आदेश का पालन करने का अनुरोध किया है। पत्र की प्रति जिलाधिकारी सहित अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला शाखा सुपौल को आवश्यक कार्रवाई हेतु दी गई है। वहीं अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ शाखा सुपौल के पदाधिकारियों ने बुधवार को एक आपात कालीन बैठक कर एसडीओ के खिलाफ संघर्ष का शंखनाद कर दिया है। ---------------------------------------- अनुमंडल कार्यालय सुपौल में पदस्थापित पदाधिकारी व कर्मी ने सौंपा ज्ञापन अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय सुपौल में पदस्थापित एक पदाधिकारी एवं 26 कर्मियों के हस्ताक्षर से दिए गए 15 सूत्री मांग पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए इसे स्वीकृत करने का अनुरोध किया है। मांग पत्र में कहा गया है कि अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल द्वारा कुमार शैलेश अवर निर्वाचन पदाधिकारी सुपौल के बीमार पिताजी के इलाज हेतु समर्पित अवकाश आवेदन को अस्वीकृत करते हुए 24 जून 2019 से 30 जून 2019 तक की अवधि की वेतन कटौती कर ली गई। तथा 13 जुलाई 2019 से 29 जुलाई 2019 तक के उपार्जित अवकाश स्वीकृति हेतु अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल द्वारा लगभग एक वर्ष बीत जाने के बाद भी अग्रसारित नहीं किया गया। प्रधान लिपिक रविशंकर झा 20 अक्टूबर से 24 अक्टूबर 2019 तक, अरुण कुमार पासवान नाजिर का 20 अक्टूबर से 24 अक्टूबर 2019, नीरोज कुमार निराला लिपिक ससह पेस्कार का 29 सितंबर 2019 का, अश्विनी कुमार सिंहा उच्च वर्गीय लिपिक का 14 सितंबर 2019 का तथा राजेंद्र राम उच्च वर्गीय लिपिक का 9 सितंबर, 11,12 सितंबर 2019 का अकारण रूप से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। वहीं कार्यालय परिचारी मसोमात गीता देवी का 9 अक्टूबर 2019 का एवं मसोमात सफीना खातून कार्शलय परिचारी का एक दिन का वेतन कटौती कर ली गई। मिथिलेश कुमार सिंह निम्नवर्गीय लिपिक के विरुद्ध अनुमंडल पदाधिकारी ने दुर्भावना से ग्रसित होकर मनगढ़ंत रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए निलंबन हेतु जिला पदाधिकारी को अनुशंसा की गई है और सभी प्रकार के कार्यों से उन्हें वंचित कर दिया गया है। साथ ही साथ कर्मियों को एसीपी एवं एमएसीपी तथा अन्य प्रोन्नति के लाभ से वंचित कर दिया गया है। पदाधिकारी एवं कर्मियों ने अपने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा अपने अधीनस्थ अधिकारी एवं कर्मियों के साथ अमर्यादित एवं असंसदीय भाषा का प्रयोग किया जाता है। बिना वजह के मानसिक रूप से प्रताड़ित तथा निलंबन एवं विभागीय कार्रवाई कर रहे हैं। जो सरकार के आदेश का उल्लंघन है। ----------------------------------- क्या है सामान्य प्रशासन का आदेश बिहार सरकार सामान्य प्रशासन के प्रधान सचिव अमीर सुबहानी ने अपने कार्यालय पत्रांक 8322 दिनांक 10 जून 2015 को राज्य के सभी पदाधिकारी को पत्र लिखकर उच्च पदस्थ पदाधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ सभ्य आचरण एवं मर्यादित व्यवहार करने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि सरकार के संज्ञान में ऐसी बात आ रही है कि विभिन्न कार्यालयों में पदस्थापित उच्च पदाधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मियों के साथ अमर्यादित व्यवहार करने, उनके प्रति प्रतिदिन असंसदीय भाषा का प्रयोग करने, उन्हें अकारण मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, बात-बात पर अनावश्यक एवं अकारण निलंबन एवं विभागीय कार्यवाही प्रारंभ करने जैसी कार्रवाई की जा रही है। इससे अधीनस्थ पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के मनोबल एवं उनकी कार्य क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वभाविक तो है ही साथ ही इसे राज्य के स्वस्थ लोक प्रशासन के अनुकूल भी नहीं कहा जा सकता है। प्रधान सचिव ने सभी पदाधिकारियों को अपने अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति सभ्य आचरण एवं मर्यादित व्यवहार सुनिश्चित करते हुए अपने अधीनस्थों को भी ऐसा व्यवहार करने के लिए प्रेरित किया जाए ताकि प्रशासन में सद्भाव कायम रहे तथा बेहतर कार्य माहौल का निर्माण संभव हो सके। -------------------------------- आपापत बैठक में निर्णय अनुमंडल कार्यालय सुपौल के पदाधिकारी एवं कर्मी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल पर लगाए गए गंभीर आरोप पर बिहार राज्य अराज पत्रित कर्मचारी महासंघ जिला शाखा सुपौल का एक आपात बैठक बुधवार को समाहरणालय परिसर में हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि अनुमंडल कार्यालय में पदस्थपित कर्मियों एवं पदाधिकारियों के सभी लंबित मांगों का निष्पादन एक पक्ष के अंदर करने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी को अल्टीमेटम दिया जाए। सामान्य प्रशासन द्वारा निर्गत पत्र के आलोक में एसडीओ को अपने कर्मियों से सौहार्दपूर्ण व्यवहार करने का अनुरोध किया। अगर अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा एक पक्ष के अंदर सभी मामलों का निष्पादन एवं अपने व्यवहार में परिवर्तन नहीं करते हैं तो कर्मचारी संघ चरणवद्ध आंदोलन को बाध्य होगा। बैठक के निर्णय की प्रति संघ ने अनुमंडल पदाधिकारी एवं जिलाधिकारी को भी दिया है।
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Posted By: Jagran
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