खुलने लगा बाजार, पटरी पर लौट रहा कारोबार

मधुबनी। अनलॉक-वन के तीसरे दिन बुधवार को सुबह से स्थानीय बाजार में रौनक रही। दोपहर में आसमान में बादल छाने के साथ मौसम सुहाना होने से बाजार में खरीदारी की भीड़ रही। बाजार में चहल-पहल बढ़ने के साथ दोपहिया व चार पहिया वाहनों के शोरूम में भी खरीदारों की आवाजाही देखी गई। वाहन शोरूम, किराना, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, आभूषण, बर्तन, फर्नीचर, कॉस्मेटिक, जूता-चप्पल, मोबाइल, रेडीमेड समेत अन्य प्रतिष्ठानों पर खरीदारी अब बढ़ती जा रही है। आज शहर में करीब डेढ़ करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। कारोबार फिर से पटरी पर लौटने से व्यवसायियों में खुशी देखी जा रही है। वे राहत की सांस ले रहे हैं। हालांकि, इस भीड़ से संक्रमण के खतरे को लेकर कुछ सचेत हैं तो कुछ लापरवाह भी। यही एक चिता का विषय है। धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा बाइक बाजार:

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शहर के शिवशक्ति हीरो के संचालक साकेत महासेठ ने बताया कि तीन दिनों में करीब 90 बाइक की बिक्री हुई है। लग्न का मौसम बीत जाने से बाइक की मांग काफी कम है। वहीं महारानी होंडा के प्रोपराइटर राहुल पूर्वे ने बताया कि तीन दिनों में 80 बाइक की बिक्री हुई है। तिरुपति ऑटोमोबाइल्स के संचालक रवींद्र नारायण राय ने बताया कि आठ ट्रैक्टर की बिक्री हुई है। इसके अलावा यहां की ई-रिक्शा एजेंसी से आधा दर्जन ई-रिक्शा की बिक्री हुई है। बाजार में जमकर हो रही लीची की खरीदारी:
शहर के विभिन्न चौकों पर जमकर लीची की खरीदारी चल रही है। मुजफ्फरपुर से आने वाले लीची की भारी मांग देखी जा रही है। वहीं फल मंडी में आम की काफी आमद से खरीदारों की अच्छी तादाद देखी जा रही है। लोग काफी समय के बाद निकले। बाजार में लोग आवश्यक वस्तुओं के अलावा आम, लीची की खरीदारी कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग खरीदारी के लिए बाजार पहुंच रहे हैं। बाजार में अधिकतर लोगों के चेहरे पर गमछा, मास्क देखा जा रहा है। हालांकि, भीड़भाड़ वाले इलाकों में शारीरिक दूरी की अनदेखी देखी जा रही है। आने वाले समय में कपड़ा बाजार में तेजी की उम्मीद:
व्यापारिक गतिविधियों में तेजी से कपड़ा बाजार पुराने दिनों में लौटने लगा है। शहर के गोविद गारमेंट के संचालक सुशील खेतान ने बताया कि कपड़ा बाजार में अभी मंदी कायम है। फिलहाल लग्न और पर्व त्योहार नहीं होने से कपड़ा बाजार में आने वाले समय में तेजी की संभावना है। बसों में अभी यात्रियों की संख्या कम:
अनलॉक वन में बस समेत अन्य छोटे-बड़े भाड़े के वाहनों का परिचालन शुरू होने के बाद सड़क पर छोटे वाहनों में यात्रियों की संख्या देखी गई। वहीं बसों में अभी यात्रियों की संख्या कम देखी जा रही है। स्थानीय प्राइवेट बस स्टैंड से बसों का परिचालन शुरू होने के बाद भी
स्टैंड में यात्रियों की संख्या कम देखी गई। स्टैंड से दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पटना के अलावा जिले के अन्य हिस्सों के लिए खुलने वाले बसों में कम यात्री होने से बस संचालकों में निराशा रही। बिहार मोटर्स ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के जिलाध्यक्ष उमाशंकर ठाकुर मुन्ना ने बताया कि यात्रियों की संख्या कम होने से बसों के संचालन से घाटा उठाना पड़ रहा है। वहीं मां ट्रैवल्स बस सर्विस के संचालक भूषण कुमार साह ने बताया कि अभी कम यात्री के कारण बसों का संचालन फायदेमंद नहीं हो रहा है। फिर भी बस संचालन जारी रखा जा रहा है।
दुकानें खुलीं, मगर ग्राहकों का होता रहा इंतजार
मधवापुर (मधुबनी), संस : लंबे अंतराल के बाद मधवापुर बाजार बुधवार को खुला। बाजार में यूं तो चहलकदमी बढ़ी। यदा-कदा दुकानों में एकाध ग्राहकों को खरीदारी करते देखा गया। मगर, भारत-नेपाल सीमा सील रहने और नेपाली ग्राहकों की आवाजाही नहीं होने से दुकानदार पूरे दिन ग्राहकों का इंतजार करते रहे। कपड़ा, किराना, आभूषण, सौंदर्य प्रसाधन, चाय, पान, व नाश्ते की दुकानें खुलने से बाजार में थोड़ी हलचल बनी रही। दुकानदारों द्वारा दुकान से दो फीट की दूरी पर घेराबंदी की गई है। शारीरिक दूरी के सभी उपाय किए जा रहे हैं।
कपड़ा व्यवसायी शत्रुघ्न प्रसाद गुप्ता ने बताया कि उपभोक्ता एक सप्ताह के बाद ही घर से निकलने की हिम्मत जुटा पाएंगे। बंदी की मार से व्यवसायियों की कमर टूट गई है। किराना व्यवसायी अशोक गुप्ता बताते हैं, मधवापुर बाजार भारत-नेपाल सीमा पर होने के कारण यहां का व्यवसाय नेपाली ग्राहकों से चलता है। नेपाल बंद रहने का प्रभाव बाजार पर पड़ता है। बाजार में जबतक नेपाली ग्राहकों के आने का सिलसिला शुरू नहीं होगा, बाजार की रौनक फीकी रहेगी। बता दें कि नेपाल-भारत सीमा सील रहने का असर मधवापुर बाजार पर पड़ता है। दुकानें तो खुलीं, मगर दुकानदार ग्राहकों का इंतजार कर रहे। कपड़ा दुकानदार संजीव कुमार साह कहते हैं कि मधवापुर बाजार का व्यवसाय नेपाल के ग्राहकों पर निर्भर है। नेपाल बंद तो बाजार बंद है। दुकानदार दुकानें तो खोल दीं। मगर, खरीदार नहीं पहुंच रहे हैं।
Posted By: Jagran
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