लॉकडाउन में आईपीपीबी में खुले 80 हजार खाते, 4 करोड़ हुआ ट्रांजेक्शन

पूर्णिया। कोरोना संक्रमण के बीच जारी लॉकडाउन डाकघर के लिए संजीवनी बनकर सामने आया। पहले डेढ़ साल में जहां डाक विभाग के इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) में 69 हजार खाते खुले थे, वहीं लॉकडाउन के बीच दो माह कुछ दिनों में ही आईपीपीबी में 80 हजार लोगों के खाते खुले हैं। वहीं चार करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ। संक्रमण जैसी आपदा की घड़ी में लोगों के मन में डाकघर के प्रति बेहतर विश्वास देखने को मिला। इसमें खासकर सरकार के डीबीटी योजना का लाभ लेने वाले लोगों की संख्या रही, जो सरकारी सहायता राशि के जरूरतमंद थे। लॉकडाउन के बीच एक ओर जहां लोग घर से बाहर नहीं निकलते, वहीं डाकघर में खाता खुलवाने और सरकारी सहायता निकासी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी रही। अब भी खाता खुलने का सिलसिला जारी है। विभाग का मानना है कि लॉकडाउन में तमाम परेशानियों के बावजूद विभाग का गांवों तक नेटवर्क और घरों तक बैंकिग सेवा उपलब्ध कराना लोगों के रुझान का मुख्य कारण है।

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विभाग के अनुसार लोगों के घरों तक बैंकिग सुविधाएं, कॉरपोरेट ऑफिस, गांवों में प्रचार-प्रसार और खाता खोलने की आसान प्रक्रिया के बल पर यह उपलब्धि हासिल हो पाया है। सिर्फ आधार कार्ड के जरिए लोगों का खाता खुल जाता है। बताते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न सहायता मदों की राशि डाक विभाग के आईपीपीबी के जरिए डीबीटी के माध्यम से खाते में आ रही है।
गरीब कल्याण योजना की राशि मिलने में सहूलियात
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के माध्यम से गरीब कल्याण योजना राशि मिलने में लोगों को सहूलियत हो रही है। खाता खुलने के साथ एक ऑप्शन देकर आधार लिक होने से सरकारी योजना की राशि खाते में आने लगती है। लॉकडाउन में सरकार बेरोजगारी को देखते हुए जनधन महिला खाताधारकों के खाते में तीन माह तक 500-500 रुपये भेज रही है। राशन कार्डधारकों को एक-एक हजार रुपये, उज्जवला योजना के लाभुकों को मिलने वाली गैस की राशि, किसान सम्मान निधि योजना और पेंशन आदि के लाभुकों को भी मदद मिल रही है। पीएमजी के अनुसार कोई भी विक्रेता एक हजार से करेंट अकाउंट खुलवाने पर अपने ग्राहकों से 10 रुपये का भी डिजिटल पेमेंट ले सकता है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के छोटे व्यवसायी भी आईपीपीबी से जुड़ रहे हैं।
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------------------ कोट के लिए लॉकडाउन के दौरान आईपीपीबी में खाता खुलवाने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ी है। इसमें सरकारी सहायता का लाभ लेने वाले अधिक लाभुकों का खाता खुला है।
ओम नारायण गुप्ता, आईपीपीबी प्रबंधक
Posted By: Jagran
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