दिघलबैंक के पांच व कोचाधामन के मिले एक मरीज

- शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में दिघलबैंक के पांच व एक कोचाधामन निवासी

- स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही आई सामने, क्वारंटाइन सेंटर से घर जा चुके थे पांच मरीज संवाद सहयोगी, किशनगंज : जिले में कोरोना वायरस से बचाव को लेकर आमलोग तो लगातार लापरवाह होते जा रहें हैं। अब स्वास्थ्य विभाग भी लापरवाही बरतने लगी है। शुक्रवार को जिन छह लोगों का रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आया है, उसमें से पांच लोग क्वारंटाइन सेंटर से एक दिन पूर्व घर जा चुके थे। रिपोर्ट आते ही दिघलबैंक निवासी पांचों लोगों को मेडिकल टीम के द्वारा घर से उठाकर महेशबथना स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज के रूरल हेल्थ सेंटर में भर्ती कराया गया। इसके अलावा एक कोचाधामन प्रखंड निवासी प्रवासी श्रमिक को भी भर्ती कराया गया।
आपराधिक घटनाओं के रोकथाम को ले पुलिस चौकस यह भी पढ़ें
हालांकि इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन कुछ ही बोलने से परहेज करते दिखे। उन्होंने गोल मटोल जबाब देकर अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि 14 दिनों की क्वारंटाइन अवधि पूर्ण करने पर घर जा रहे थे लेकिन रास्ते से ही वापस कर लिया गया। संक्रमित मरीज के घर चले जाने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पहला और सबसे अहम सवाल यह कि जब संदिग्धों सैंपल लिया गया तो क्वारंटाइन सेंटर से घर कैसे जाने दिया गया। अब उन पांचों के संपर्क में कितने लोग आए होंगे, यह भी बड़ा सवाल है। इस पर सिविल सर्जन ने बताया कि दिघलबैंक वाले सभी मरीज, पूर्व में क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे मरीज के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं।
---------------------------
संक्रमितों की संख्या हुई 85,
सीएस ने अब तक जिले में 1508 संदिग्धों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। उनमें से 1097 निगेटिव और 85 पॉजिटिव रिपोर्ट आया है। 13 मरीजों का दोबारा जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आया है। इसके अलावा 19 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। 66 एक्टिव केस हैं, जिसमें एक मरीज को कोविड अस्पताल पटना रेफर किया गया है और बंगाल निवासी को घर भेजा गया है। इस प्रकार एमजीएम मेडिकल कॉलेज के रूलर हेल्थ सेंटर महेशबथना स्थित आइसोलेशन वार्ड में 64 मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार