जीविका-नन जीविका के पेंच में फंस गया गरीबों का राशन कार्ड

-03 हजार आवेदन में से मात्र एक 1155 को मिली स्वीकृति

-ऑनलाइन के आवेदन भी अनुमंडल कार्यालय में है विचाराधीन
संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल): सरकार के सस्ते गल्ले की दुकान से राशन-किरासन लेने के लिए जरूरतमंद लोगों को मिलने वाला राशन कार्ड जीविका तथा नन जीविका के पेंच में फंस गया है। वर्ष 2017-18 में सरकार ने वंचित लोगों को राशन कार्ड के लिए आवेदन करने को कहा था। सरकार के उस आदेश के आलोक में सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड क्षेत्र में लगभग छह हजार लोगों ने राशन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी वैसे आवेदन अब तक अनुमंडल कार्यालय में पड़ा है। इधर कोरोना वायरस को लेकर उत्पन्न हालात के बीच हर परिवार को मुफ्त राशन देने की घोषणा के बाद राशन कार्ड की समस्या एक बार फिर सामने आ गई। इसे देखते हुए जीविका संगठन को वैसे परिवार जो राशन कार्ड लेने लायक हो का सर्वेक्षण कर तत्काल रिपोर्ट प्रखंड कार्यालय में जमा करने को कहा गया। जिला स्तर से आदेश प्राप्त होते ही जीविका संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव जाकर सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया। लेकिन जीविका संगठन द्वारा सिर्फ उसके समूह से जुड़े लोगों का ही नाम राशन कार्ड के लिए भेजा गया। इसमें गांव के वैसे लोग एक बार फिर राशन कार्ड से वंचित रह गए जिसके परिवार के सदस्य जीविका संगठन से नहीं जुड़े थे। जीविका संगठनों द्वारा इस प्रखंड क्षेत्र से पांच हजार आवेदन पहली बार प्रखंड कार्यालय में इंट्री कराया गया। प्रखंड कार्यालय द्वारा दिए गए जांच के आदेश के बाद जीविका कार्यालय से मात्र एक 1155 आवेदन को ही स्वीकृत बताया गया। ऐसे आवेदन पर फिलहाल कार्य चल रहा है। इसमें संगठन से बाहर के लोगों का नाम नहीं दिया गया है।

--------------------------------- दो माह बीतने के बाद भी नहीं मिल रहा मुफ्त अनाज
सरकार के घोषणा को 2 माह बीत गया है और अब तक राशन कार्ड से वंचित लोगों को मुफ्त में अनाज नहीं दिए जा रहे हैं और ना ही उन्हें कार्ड दिया जा रहा है। कोरोना वायरस को लेकर बढ़ी समस्या को देखते हुए सरकार ने 3 माह तक लोगों को मुफ्त राशन देने की बातें कही है। लेकिन इसके लिए भी संबंधित लोगों के हाथ में राशन कार्ड होना आवश्यक है। जो अब तक उन सबों के पास नहीं पहुंच रहा है।
----------------------- कहते हैं जीविका बीपीएम
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जीविका संगठन के बीपीएम सुकेश मिश्रा से पूछने पर बताया कि उनके संगठन द्वारा पहले जीविका से जुड़े लोगों का नाम राशन कार्ड के लिए दिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी नन जीविका यानी जो जीविका संगठन से नहीं जुड़े हैं उसका नाम राशन कार्ड के लिए नहीं भेजा जा रहा है। इसी कारण मात्र 1155 आवेदन ही दोबारा प्रखंड कार्यालय में समर्पित किया गया।
------------------------------- कहते हैं प्रखंड विकास पदाधिकारी
प्रखंड विकास पदाधिकारी अरविद कुमार से पूछने पर कहा कि पूर्व में जिन लोगों द्वारा राशन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया था उसमें से करीब ढाई हजार आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। ऐसे सभी आवेदन के आलोक में राशन कार्ड अनुमंडल कार्यालय में बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जीविका संगठन द्वारा भी कुछ आवेदन दिया गया है और उस पर भी काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी जो लोग राशन कार्ड से वंचित रह जाएंगे उस पर बाद में विचार किया जाएगा।
Posted By: Jagran
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