दावे के उलट ग्रामीण इलाकों में लगातार कट रही बिजली

- सुविधा एप के जरिए ऑनलाइन समाधान में जुटा विभाग

- रिपेयरिग के कारण आपूर्ति बाधित होने की दी जा रही जानकारी
संवाद सहयोगी, किशनगंज : विभाग का दावा भले ही 22-24 घंटे बिजली आपूर्ति की हो लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। शहरी इलाके में भले ही स्थिति संतोषजनक कही जा सकती है मगर ग्रामीण इलाकों में अब भी तेज हवा चलने व आंधी पानी में बिजली गुल होना आम बात है। खासकर पोठिया, टेढ़ागाछ व दिघलबैंक प्रखंड क्षेत्र के अलावा अन्य इलाकों में लगातार बिजली कट होने से लोगों की पेरशानी बढ़ती जा रही है। हालांकि विभागीय तत्परता से देर सवेर लाइन दुरूस्त कर सेवा बहाल की जाती है। लेकिन समस्या बरकरार रहती है। खासकर तेज आंधी पानी में तार का टूटकर गिरना या पोल गिरने से परेशानी बढ़ जाती है। अगर ट्रांसफर्मर जल जाता है तो फिर कई दिन अंधेरे में गुजारने की मजबूरी बन जाती है। शहरी इलाकों में भी दिन में कई दफे आपूर्ति बाधित होती है। थोड़ी-थोड़ी देर के लिए ही सही, बिजली गुल होने से परेशानी बढ़ना लाजिमी है।
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विभाग के अनुसार शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुचारू रूप से बिजली आपूर्ति के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का काम पूरा कर लिया गया है। अब लोगों के सहायता के लिए विभाग द्वारा सुविधा एप लाया गया है। इस एप के माध्यम से उपभोक्ताओं के हर समस्याओं क समाधान ऑनलाइन किया जाता है।
सुविधा एप में बिजली कनैक्शन के लिए आवेदन करने सहित कई अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवायी गई है। अब तो अधिकतर लोग इस एप के माध्यम से बिजली बिल जमा करने सहित बिजली से संबंधित सभी समस्याओं का निपटारा कर लेते हैं। इस एप का उपयोग नहीं करने वालों के लिए सुविधा काउंटर खोला गया है। इस काउंटर पर आकर लोग ऑनलाइन बिजली से संबंधित सभी समस्याओं का निपटारा कर रहे हैं।
बिजली के पोल पर लगे बिजली तार की एक समय सीमा होती है। इस वजह से समय समय पर इन तारों को बदलना जरुरी होता है। जिससे कि लोगों के घर में अनवरत विद्युत सेवा जारी रहे। लेकिन जिन मोहल्ला में बिजली के तार बदले जाते हैं। बिजली मिस्त्री के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन मोहल्लों में दो तीन घंटे के लिए तो विद्युत आपूर्ति बंद करना पड़ता है। लेकिन तार बदलने के बाद पुन: विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी जाती है। जहां से भी ट्रांसफरमर के खराब होने की सूचना मिलती है। उन स्थानों पर अविलंब ट्रांसफरमर बदलने का काम पूरा कर लिया जाता है।
कार्यपालक अभियंता रंजन कुमार देव बताते हैं कि बिजली की खपत जरूरत के अनुरूप ही करना चाहिए। बिजली की बचत कर उर्जा संरक्षण की दिशा में लोगों को सहयोग करना चाहिए। इसके लिए ईएसएसएल कंपनी को एलईडी बिजली बल्व बेचने का काम दिया गया है। ईएसएसएल के कर्मचारी लोगों की सुविधा के लिए बिजली विभाग में आकर एलईडी बल्व बेचते हैं। किसानों को सिचाई के अनुदानित दर पर बिजली दिए जा रहे हैं। जिससे कि खेती की लागत कम कर किसान उन्नत खेती कर सकें।
Posted By: Jagran
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