तीन करोड़ की पोशाक राशि हो रही इधर-उधर, बच्चे कर रहे सफर

-जिले के 2138 आंगनबाड़ी केंद्र के 85 हजार बच्चों के पोशाक की राशि निकासी हो गई पिछले वर्ष

-सीडीपीओ ने राशि को बच्चों के खाते में न भेजकर सेविकाओं के ही खाते में कर दिया ट्रासंफर -डीएम के आदेश पर राशि तो वापस हुई, लेकिन अब तक नौनिहालों को नहीं मिल पाई है पोशाक जागरण संवाददाता, सुपौल: जिले के 2138 आंगनबाड़ी केंद्रों पर तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में पोशाक राशि के लिए प्रति केंद्र 16 हजार रुपये की राशि आवंटित किया हे। जिले के सभी 11 सीडीपीओ द्वारा लगभग 85 हजार 520 बच्चों के लिए लगभग तीन करोड़ 42 लाख आठ हजार रुपये की राशि की निकासी कोषागार से पिछले ही वित्तीय वर्ष में कर ली गई है। निदेशक, जिला पदाधिकारी एवं डीपीओ के द्वारा भुगतान करने का स्पष्ट आदेश देने के बावजूद सीडीपीओ के द्वारा बच्चों की पोशाक राशि का भुगतान नहीं किए जाने को भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान ने जिले के सभी सीडीपीओ को 30 जून तक भुगतान करने का अल्टीमेटम दिया है। सीडीपीओ द्वारा सभी लाभार्थी बच्चों को पोशाक क्रय हेतु 400 रुपये की दर से अभिभावकों के खाता में राशि हस्तान्तरण नहीं किया गया तो भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान एक जुलाई से कानूनी एवं वैधानिक लड़ाई प्रारंभ करेगी। जिसकी सारी जवाबदेही आईसीडीएस की होगी। भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान के अनिल कुमार सिंह ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव एवं समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं निदेशक को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार के द्वारा जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर अध्ययनरत बच्चों के पोशाक के लिए प्रति बच्चे के लिए 400 रुपया आवंटित किया गया है। सरकार एवं विभाग के आदेश के आलोक में जिले के सभी 11 परियोजना के सीडीपीओ द्वारा प्रति आंगनबाड़ी केंद्र 16 हजार रुपये की निकासी पिछले वित्तीय वर्ष में ही कोषागार से कर ली गई। सीडीपीओ के द्वारा राशि की निकासी के उपरांत सभी सीडीपीओ ने लगभग तीन करोड़ 42 लाख आठ हजार रुपये की राशि अपने खाता में जमा कर लिया और बच्चों के अभिभावकों के खाता में राशि नहीं भेजा। श्री सिंह का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में विभाग के आदेश के विपरित जिले के सभी सीडीपीओ ने राशि को बच्चों के खाता में हस्तान्तरण न कर आंगनबाड़ी केंद्र के खाता में राशि हस्तान्तरित कर दिया। जिले के अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र के द्वारा बैंक से 16 हजार रुपये की निकासी कर बच्चों को भुगतान नहीं किया। भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान के द्वारा जिलाधिकारी को शिकायत किए जाने पर डीपीओ के आदेश पर सभी सीडीपीओ ने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को पत्र लिख कर उठाई गई पोशाक राशि को सीडीपीओ के खाता में जमा करने का आदेश दिया। अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र के द्वारा पोशाक राशि को सीडीपीओ के खाता में जमा कर दिया है। अनिल कुमार सिंह का कहना है कि विभाग के निदेशक, जिलाधिकारी एवं डीपीओ के आदेश के बावजूद अधिकांश बच्चों को अभी तक पोशाक राशि का भुगतान नहीं किया गया है जो काफी गंभीर मामला है। पदाधिकारी समस्या का समाधान करने के बदले सिर्फ पत्राचार कर कागजी खानापूर्ति करने में लगे रहते हैं। जिसके कारण सरकार की योजना को धरातल पर अमलीजामा नहीं पहनाया जा सकता है। इसी वजह से दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई हेतु भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान ने 01 जुलाई से कानूनी लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है।
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Posted By: Jagran
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