मंडप से द्वार पूजा तक कोविड-19 का मानक प्रभावी

जहानाबाद : मंडप, बरात और द्वार पूजा होंगे लेकिन सभी मांगलिक कार्य के दौरान कोविड-19 के मानक को ध्यान में रखकर विधि-विधान संपन्न होगा। शादी के लिए सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है लेकिन खुद से वर-बधू पक्ष के लोगों को संयम और संक्रमण से बचाव का ख्याल रखना होगा।

नोवल कोरोना वारयरस से बचाव को लेकर संचालित लॉकडाउन के कारण तकरीबन ढाई महीने से शादी-विवाह का कार्यक्रम स्थगित था। मार्च से लेकर मई तक एक जगह अधिक संख्या में लोगों को एकत्रित होने पर रोक लगा हुआ था। इसके कारण शादी समारोह का आयोजन भी नहीं हो पा रहा था। अनलॉक वन में छूट के साथ ही जून महीने में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार शादी-विवाह का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। खासकर ढाई महीने तक शादी समारोह नहीं हो पाने के कारण जून महीने में इसकी भरमार हो रही है। आम आवाम को शादी समारोह के लिए प्रशासन से अनुमति लेने की जरुरत नहीं है। समारोह में 50 से अधिक लोगों को एकत्रित होने पर अभी भी प्रतिबंध है। शारीरिक दूरी के अनुपालन के साथ ही मास्क पहनना जरुरी है। बताते चलें कि लॉकडाउन टूटने के आस में ढेर सारे लोग शादी समारोह की तिथि को आगे बढ़ाते जा रहे थे। मई के अंतिम सप्ताह तक इसका इंतजार था। शादी समारोह का आयोजन करने का मौका नहीं मिल पाया। जब कुछ लोगों को ऐसा लगा कि लॉकडाउन अभी लंबा चलेगा तो अंतत विवाह की तारीख को बढ़ा दिया।
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शादी विवाह में चार चांद लगाने वाले टेंट, डेकोरेशन, लाईट, होटल वाले लोग भी नई तारीख के अनुसार कामकाज कर रहे हैं। वाहन मालिक भी तारीख पर तारीख देते गए। अब आम आवाम ऐसा महसूस कर रहे हैं कि शादी समारोह सरकारी गाइउड लाइन के अनुसार संपन्न कराया जा सकता है।
अनुमंडल पदाधिकारी निवेदिता कुमारी ने कहा कि शारीरिक दूरी का पालन करते हुए शादी समारोह का आयोजन किया जा सकता है। सरकार के गाइडलाइन के अनुसार 50 से अधिक लोगों को एकत्रित होने पर प्रतिबंध है। किसी को अलग से शादी विवाह के लिए परमिशन लेने की जरुरत नहीं है। कोरोना वायरस से बचाव को लेकर एहतियात बरतना जरुरी है।
Posted By: Jagran
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