प्रति वर्ष जलजमाव से जूझना बनी है नीयति

संवाद सहयोगी, वीरपुर (सुपौल): लगातार हो रही बारिश ने जहां सूर्यमुखी एवं मकई की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। वहीं कई सड़क जलजमाव से जूझ रहा है। खेतों में बुआई की गई मूंग और पाट की फसल का विकास भी थम सा गया है। रेगिस्तान में तब्दील कृषि भूमि में किसान पापी पेट के सवाल को लेकर जहां फसल लगाने का जी तोड़ परिश्रम कर उपजाते हैं वहीं इस बार असमय हो रही बारिश से खेतों में लगी व तैयार मकई और सूर्यमुखी की फसलों को आंधी बारिश ने चौपट करने का मन बना रखा है। लगातार बारिश तो खेतों की फसलों को तैयार करने का मौका नही दे रहा है। वहीं शहरी भाग की अधिकांश सड़कें जलजमाव की चपेट में आ गई है। जबकि प्रशासनिक स्तर पर एसडीओ, मुख्य अभियंता, कार्यपालक पदाधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन लोगों का आवास कॉलोनी में है और जलजमाव से प्रत्येक वर्ष स्वयं जूझते हैं और जूझते लोगों से रूबरू होते हैं। लेकिन कोई इसके निजात के प्रति संवेदनशील नहीं नजर आता।


Posted By: Jagran
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