बदला आंगनबाड़ी केंद्रों का माहौल, खेल-खेल में होगी पढ़ाई

बेगूसराय : आंगनबाड़ी केंद्रों का माहौल बदलने लगा है। बच्चों को प्ले स्कूल जैसा माहौल मिले इसके लिए सुविधा संपन्न बनाया जा रहा है। अब तक इन केंद्रों पर 6 वर्ष उम्र तक के बच्चों के लिए पठन-पाठन के साथ उनके पोषण का ख्याल रखा जा रहा था। परंतु विभागीय निर्देश के आलोक में अब इन बच्चों के समुचित विकास के लिए कार्य प्रारंभ किया गया है। फिलहाल जिले के बीस आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल केंद्र बनाया गया है। मॉडल केंद्र : आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था शुरु करने के लिए बीस आंगनबाड़ी केंद्रों को चयनित किया गया है। चयनित सभी आगनबाड़ी केंद्र सरकारी भवन में संचालित है। जिसमें तेघड़ा प्रखंड का केंद्र संख्या 128, नावकोठी प्रखंड का केंद्र संख्या 62, भगवानपुर प्रखंड का केंद्र संख्या 75, खोदावंदपुर प्रखंड का केंद्र संख्या 61, छौड़ाही प्रखंड का केंद्र संख्या 28, डंडारी प्रखंड का केंद्र संख्या 13, बखरी प्रखंड का केंद्र संख्या 85, वीरपुर प्रखंड का केंद्र संख्या 38, साहेबपुर कमाल प्रखंड का केंद्र संख्या 07, बछवाड़ा प्रखंड का केंद्र संख्या 24, बरौनी प्रखंड का केंद्र संख्या 139, मटिहानी प्रखंड का केंद्र संख्या 53, बलिया प्रखंड का केंद्र संख्या 28, गढ़पुरा प्रखंड का केंद्र संख्या 61, चेरिया बरियारपुर प्रखंड का केंद्र संख्या 28, मंसूरचक प्रखंड का केंद्र संख्या 34 तथा बाल विकास परियोजना ग्रामीण क्षेत्र का केंद्र संख्या 31, 224, 60 एवं 65 शामिल है। खासियत : मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र सिर्फ एक सरकारी भवन नहीं बल्कि बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है। इन केंद्रों पर विभाग द्वारा दीवार पर ज्ञानवर्धक फोटो व कुछ नारे लिखवाए गए हैं। यही नहीं यहां आने वाले बच्चों के लिए खिलौने भी उपलब्ध कराए गए हैं। ताकि छोटे-छोटे बच्चे यहां खेल-खेल में भी पढ़ना-लिखना सीख सकें। केंद्र पर सोलर, एलसीडी आदि की व्यवस्था भी की गई है। ताकि बच्चों को कभी-कभी टेलीवीजन का आनंद भी मिल सके। स्तनपान कक्ष : अब तक यहां सिर्फ बच्चों के बैठने, पढ़ने, पोषाहार बनाने व खिलाने की व्यवस्था रहती थी। परंतु अब प्रसव पूर्व गर्भवती माता की जांच, टीकाकरण आदि कार्य भी यहां किया जा रहा है। इन केंद्रों पर स्तनपान कक्ष भी बनाया गया है, जहां प्रसुता को बच्चों को स्तनपान के उद्देश्य, आवश्यकता व तरीकों की जानकारी दी जाती है। बोले अधिकारी : बाल विकास परियोजना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रचना सिन्हा ने कहा कि विभाग के निर्देंश के आलोक में फिलहाल बीस केंद्रों को मॉडल केंद्र बनाया गया है, जहां कई तरह की गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संबंधित सीडीपीओ द्वारा इन केंद्रों का भ्रमण एवं गतिविधियों को बढ़ावा देने का कार्य भी किया जा रहा है।


Posted By: Jagran
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