सदर अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ और हंगामा

नवादा : सदर अस्पताल में बुधवार की देर रात जमकर हंगामा हुआ। एक महिला की मौत के बाद लोगों ने जमकर तोड़फोड़ करते हुए बवाल काटा। इस दौरान इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर चैंबर, स्टॉफ चैंबर में तोड़फोड़ की गई। दरवाजे तोड़ दिए गए। कुर्सी-टेबल को क्षतिग्रस्त किया गया। ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट व एएनएम से बदसलूकी की गई। लोगों के हंगामे को देख चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी वहां से भाग निकले और छिपकर अपनी जान बचाई। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया है। मृतका सुधा देवी नगर थाना क्षेत्र के गोनावां गांव निवासी धर्मेंद्र प्रसाद की पत्नी थी। धर्मेंद्र अकबरपुर प्रखंड में राजस्व कर्मचारी के पद पर हैं। घटना के विरोध में गुरुवार की सुबह कुछ देर के लिए ओपीडी सेवा ठप कर दी गई। हालांकि बाद में चिकित्सकों ने आपसी विचार-विमर्श के बाद ओपीडी सेवा बहाल की।


मृतका के देवर रामाश्रय प्रसाद ने बताया कि देर रात भाभी की तबीयत अचानक खराब हो गई थी। उन्हें लेकर इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचे। लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें नहीं देखा तक नहीं। अस्पताल में एडमिट भी नहीं लिया जा रहा था। शोर-शराबा के चिकित्सक नींद से जागे और भाभी को मृत घोषित कर दिया। चिकित्सक की लापरवाही की वजह से उनकी जान चली गई। इधर, ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार ने लापरवाही के आरोप को खारिज करते हुए बताया कि रात तकरीबन 12:50 बजे महिला को मृत अवस्था में ही अस्पताल लाया गया था। बावजूद लोगों ने बेवजह हंगामा किया और उनके साथ मारपीट की। डॉक्टर चैंबर, स्टाफ चैंबर व सर्जिकल वार्ड के दरवाजे तोड़ दिए गए। कुर्सी-टेबल को पलट दिया। ड्यूटी पर रहे अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट की गई। इतना नहीं एएनएम से बदसलूकी भी की गई। सभी लोगों को छिपकर अपनी जान बचानी पड़ी। घटना की सूचना पाकर नगर थाने की पुलिस वहां पहुंची और स्थिति को संभाला। पुलिस ने मृतका के पति, उनके दो पुत्रों के समेत चार लोगों को हिरासत में ले लिया।
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सिविल सर्जन से की गई लिखित शिकायत
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- हंगामे के दौरान ड्यूटी पर रहे स्वास्थ्यकर्मियों ने घटना की लिखित शिकायत दर्ज कराई है। चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों ने अपना पक्ष रखते हुए सिविल सर्जन से सुरक्षा की गुहार लगाई। कहा गया कि इमरजेंसी वार्ड, सर्जिकल वार्ड और कोरोना वार्ड में भी हंगामा किया गया। ऐसे में बगैर समुचित सुरक्षा व्यवस्था के काम करना मुश्किल है। आए दिन सदर अस्पताल में इस प्रकार की घटना होती है। डॉ. मनोज ने बताया कि पूर्व में भी उनके साथ इस प्रकार की वारदात हो चुकी है।
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संघ ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
- भासा ने सदर अस्पताल में तोड़फोड़ व मारपीट की निदा की है। संघ के डॉ. एसडी अरैयर ने मांग करते हुए कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी लगातार लोगों की सेवा में तत्पर रहते हैं। कोरोना के संकट की इस घड़ी में सभी स्वास्थ्यकर्मी अपने कर्तव्य का निवर्हण कर रहे हैं। ऐसे में इस प्रकार की घटना कतई उचित नहीं है। हर हालत में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
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दर्ज हुई प्राथमिकी, थाना से मिली जमानत
- घटना को लेकर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। चिकित्सक के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसमें मारपीट व अस्पताल में तोड़फोड़ आदि का आरोप लगाया गया था। बाद में पकड़े गए धर्मेंद्र प्रसाद, उनके पुत्र अगम व शुभम और एक अन्य को थाने से ही जमानत दे दी गई।
Posted By: Jagran
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