नौनिहालों के निवाले पर अब नहीं पड़ेगा डाका, सीधे खाते में जाएगी राशि

-आंगनबाड़ी केंद्र के लाभार्थियों को पोषाहार के बदले उनके खाते में जाएगी राशि

-सेविका अब नहीं बांट पाएगी सूखा राशन सीडीपीओ भेजेगी खाते में राशि
-निदेशक ने जून माह से पुरानी व्यवस्था को बदलकर नई व्यवस्था का दिया आदेश
जागरण संवाददाता,सुपौल: बाल विकास परियोजना जहां पोषाहार को लेकर हमेशा सवालों में घिरा रहता था वहीं इन विवादों को समाप्त करते हुए सरकार व विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब लाभार्थियों को सूखा राशन की बजाय सूखा राशन के समतुल्य राशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में दी जाएगी। सरकार के इस पहल से अब सवालों के घेरे से अलग-थलग रहेगी बाल विकास परियोजना और लाभुकों के साथ बरती जाएगी पारदर्शिता। निदेशक बाल विकास परियोजना ने सभी लाभार्थी को जून 2020 से जिले के सभी 2434 आंगनबाड़ी केंद्रों के दो लाख 33 हजार 664 लाभार्थी को पोषाहार मद की राशि डीबीटी के माध्यम से खाते में अंतरण करने का आदेश दिया है।
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बिहार सरकार समाज कल्याण विभाग के आईसीडीएस निदेशक ने अपने कार्यालय पत्रांक 2882 दिनांक 11 जून 2020 के द्वारा डीपीओ सहित प्रखंड की सभी 11 सीडीपीओ को पत्र लिखकर माह जून से पूरक पोषाहार की राशि सभी आंगनबाड़ी केंद्र के लाभार्थी के खाते में डीबीटी के माध्यम से अंतरण करने का निर्देश दिया है। पत्र में कहा गया है कि प्रति लाभार्थी को 25 दिनों के हिसाब से राशि का भुगतान किया जाएगा। छह माह से तीन वर्ष के सामान्य एवं कुपोषित बच्चों को दो सौ रुपये प्रतिमाह, छह माह से तीन वर्ष के अतिकुपोषित बच्चों को तीन सौ रुपये प्रतिमाह की दर से, तीन वर्ष से छह वर्ष के बच्चों को 135 रुपये प्रतिमाह एवं गर्भवती तथा धात्री महिला को 237 रुपये पचास पैसे प्रति माह की दर से उनके खाते में राशि का हस्तांतरण किया जाएगा। आदेश पत्र में यह भी निर्देश दिया गया है कि प्रवासी परिवार के सभी श्रेणी के लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें केंद्र से निबंधित करते हुए पूरक पोषाहार की राशि डीबीटी से भेजने का निर्देश दिया गया है। सीडीपीओ द्वारा पूरक पोषाहार मद में प्राप्त आवंटन की राशि कोषागार से निकासी कर डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थी के खाते में अंतरण किया जाएगा।
विदित हो कि वर्तमान समय में पोषाहार मद में सूखा राशन लाभार्थी को सेविका-सहायिका के माध्यम से दिया जाता रहा है। सरकार के द्वारा आवंटन प्राप्त होने के बाद सीडीपीओ के द्वारा पोषाहार मद की राशि की निकासी कर सभी केंद्रों के सेविका के खाते में राशि भेज दी जाती थी। सेविका के द्वारा राशि की निकासी कर स्थानीय बाजार से सूखा राशन क्रय कर लाभार्थियों के बीच वितरण किया जाता है। इस पोषाहार वितरण में बड़े पैमाने पर विभिन्न प्रकार की शिकायतें आती रही है। किसी भी लाभार्थी को बारहो महीने का राशन भी नहीं मिल पाता था। अनियमितता को लेकर कई केंद्रों पर कार्रवाई भी हुई और कई सेविका चयनमुक्त भी की गई। लेकिन व्यवस्था में पदाधिकारियों की कार्यशैली के कारण सुधार नहीं हो पाया। मजबूरन सरकार को डीबीटी के माध्यम से पोषाहार की राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लेना पड़ा।
Posted By: Jagran
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