अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी बच्चों का सरकारी स्कूलों में होगा दाखिला

-शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने किया आदेश जारी -15 जुलाई तक ऐसे बच्चों का होगा सर्वेक्षण, विद्यालय खुलते ही हो जाएगा नामांकन -नामांकन के दौरान न ही बच्चों का स्थानांतरण प्रमाण पत्र लेना होगा अनिवार्य और न ही उनकी कराई जाएगी शैक्षणिक जांच -अभिभावकों के पास बच्चों का नहीं होगा जन्म प्रमाण पत्र तो प्रधान व अभिभावकों से घोषणा पत्र के आधार पर बच्चों का होगा नामांकन जागरण संवाददाता, सुपौल: कोरोना संकट के दौरान विभिन्न राज्यों से लौटे प्रवासी बच्चों का स्कूलों में नामांकन का रास्ता साफ हो गया है। विभाग ऐसे बच्चों का सर्वे कराकर उनके योग्यता के मुताबिक कक्षा में नामांकन लेगा। ऐसे बच्चों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं रहने के बाद भी उनका नामांकन हो सकेगा। इसको लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा अभियान, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को निर्देश जारी कर 15 जुलाई तक ऐसे बच्चों का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लेने को कहा है। ताकि विद्यालय खुलते ही प्रवासी बच्चों का नामांकन संभव हो सके। जारी अपने आदेश में सचिव ने कहा है कि कोरोना महामारी के बीच बड़ी तादाद में राज्य से बाहर एवं शहरी क्षेत्र से लोगों का गांव वापसी हुआ है। ऐसे में इन परिवारों के साथ लौटे बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराना विभाग का दायित्व होता है। ऐसे बच्चे शिक्षा से वंचित न रह जाए इसके लिए प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में नामांकन लिया जाएगा। नामांकन से पूर्व बच्चों का टोलावार सर्वेक्षण किया जाना है। तत्पश्चात विद्यालय खुलते ही बच्चों का नामांकन किया जाना है।

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आयु के अनुसार बच्चों के कक्षा का होगा निर्धारण
सचिव ने अपने आदेश में कहा है कि ऐसे बच्चों का नामांकन उनके उम्र सापेक्ष कक्षा में किया जाएगा। मतलब पांच से छह वर्ष आयु के बच्चे कक्षा एक में नामांकित होंगे। जबकि सात वर्ष आयु के बच्चों का नामांकन कक्षा दो में किया जाएगा। खास बात होगी कि ऐसे बच्चों के नामांकन के दौरान न ही बच्चों का स्थानांतरण प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होगा और न ही उनकी शैक्षणिक जांच भी कराई जाएगी। परंतु उम्र सापेक्ष कक्षा में नामांकन के लिए विद्यालय प्रधान बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र की मांग करेंगे। यदि किसी अभिभावकों के पास बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र नहीं होगा तो फिर प्रधान अभिभावकों से घोषणा पत्र के आधार पर बच्चों का नामांकन ले सकेंगे।
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कक्षा अनुरूप बच्चों को किया जाएगा तैयार
यदि किसी बच्चों के शैक्षणिक दक्षता उम्र सापेक्ष से कम होगी तो ऐसी स्थिति में शिक्षा सेवक एवं वर्ग शिक्षक ऐसे बच्चों पर विशेष ध्यान देकर उन्हें शैक्षणिक रूप से कक्षा के अनुसार तैयार करेंगे। इसके लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, बीआरपी, सीआरसीसी, केआरपी, प्रधान, शिक्षा सेवक के साथ संकुलवार बैठक कर नामांकन की योजना तैयार करेंगे। एक भी बच्चा विद्यालय से बाहर ना रहे इस लक्ष्य का शत-प्रतिशत पालन करना विद्यालय के प्रधान और शिक्षकों की विशेष जिम्मेदारी होगी।
Posted By: Jagran
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