पेट भरने के लिए परदेस पलायन करने लगे मजदूर

मोतिहारी । कोरोना का संकट अभी टला नहीं फिर भी मजदूरों का पलायन पुन: तेज हो गया है। हाल ही में काफी मशक्कत के बाद दूसरे प्रदेशों से मजदूरों की घर वापसी हुई है। लेकिन अब पंजाब, हरियाणा, आदि प्रदेशों से बड़ी- बड़ी वातानुकुलित बसें मजदूरों को पुन: ले जाने के लिए प्रखंड के विभिन्न चौक-चौराहों पर आने लगी हैं। उनके एजेंट गांवों में घूम कर डबल मजदूरी का लालच दे रहे हैं। मजदूरों को बिना शारीरिक दूरी का ख्याल किये बसों में भरकर अन्य प्रदेशों में ले जाने में लगे हैं। वहां से वापसी का प्रलोभन भी दे रहे हैं। मनरेगा से बड़े पैमाने पर रोजगार देने की बात कही गई थी। किन्तु धरातल पर सारे दावे ध्वस्त नजर आ रहे हैं। गांव-गांव से लोग बड़े पैमाने पर पंजाब और हरियाणा बसों से जा रहे हैं। तिनकोनी गांव के बिद साह पंजाब चले गए हैं। उनके पुत्र मुकेश साह ने बताया कि मेरे परिवार में 10 लोग हैं। राशन कार्ड मुझे अबतक नहीं मिला। वहीं मेरे गांव में संपन्न किसानों को भी राशन कार्ड मिला है। एक पान की दुकान थी वह भी लॉक डाउन में बंद हो गई। ऐसे में पलायन करना मजबूरी है। कुछ ऐसी ही कहानी उस गांव के साहेब साह, दादा मुखिया, भुटकुन साह, दिनेश साह, देवचन्द्र मुखिया सहित सैकड़ों लोगों की है।

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कहते हैं विधायक विधायक डॉ. शमीम अहमद ने कहा कि कोरोना संकट के बीच मजदूरों का पलायन बिहार सरकार के लिए शर्म की बात है। नीतीश सरकार ने बिहार को मजदूरों की मंडी बनाकर रख दिया है। सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का सरकारी दावा एक दिखावा है। ----------
बयान ::: दूसरे प्रदेशों से आने वाली बसों के बारे में अभी हमें कोई जानकारी नहीं है। वरीय अधिकारियों से बात कर इस दिशा में आवश्यक कदम उठाया जाएगा।
अनुपम कुमारी, बीडीओ
Posted By: Jagran
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