बंगाली आम से गुलजार कोसी का बाजार

जागरण संवाददाता सुपौल : आम को फलों का राजा माना जाता है। आम के बेहतर क्वालिटी और मिठास के लिए भी कोसी का सुपौल जिला जाना जाता रहा है। कितु विगत कुछ वर्षों से बंगाल के आम ने कोसी के इस इलाके में अपनी पैठ बना ली है और कोसी का यह इलाका बंगाली आमों से गुलजार है। जिले के बाजारों में जितनी भी फल की दुकान है और ठेले हैं उनमें अधिकांश पर बंगाली आम ही दिख जा रही है। नतीजा है कि आम की मिठास के लिए जाने जाने वाला यह इलाका आज बंगाली आम से गुलजार है।

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कोसी के आमों की मिठास की होती थी चर्चा

एक समय था जब कोसी के सुपौल जिले के आमों की मांग आसपास की मंडियों सहित अन्य प्रदेशों में भी होती थी। अच्छी क्वालिटी और मिठास के कारण यहां के आमों का बड़ा बाजार था। मंडियों में यहां के आम हाथों-हाथ बिक जाया करते थे। सुपौल के सुखपुर,कर्णपुर, सोल्हनी, मल्हनी, परसरमा, वीणा-एकमा, बकौर, बसबिट्टी सहित आसपास के प्रखंडों में आम की अच्छी खासी पैदावार होती थी यहां का गुलाबखास, मालदह, जर्दालु, बम्बईया, किसुनभोग आदि का स्वाद लोगों के सिर चढ़ बोलता था। यहां के कलकतिया आम का भी स्वाद निराला था। आम का सीजन आने से पहले आम के खरीदार इस इलाके में आते थे और मंजर के समय ही बगीचा खरीद लेते थे। सुखपुर का मामा बाग तो लाखों में बिकता था।
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कम कीमत के कारण बंगाल का आम बना पसंद
इधर कोसी के इलाके में आम की पैदावार में कमी आई है। नतीजा है कि यहां के आम अब स्थानीय बाजारों में उंची कीमत में बिकने लगे हैं। इसी का फायदा उठा कर बंगाल के आम ने इस इलाके में न केवल घुसपैठ की है, बल्कि अपनी पैठ बना ली है। ट्रक के ट्रक बंगाल से आम यहां के मंडियों में आते हैं और बिकते हैं। बंगाल का हिमसागर आम इस इलाके में काफी पसंद किया जा रहा है। बंगाल का मालदह भी बाजार में उपलब्ध है और चालीस से पचास रुपये प्रति किलो की दर पर बिक रहा है। जबकि स्थानीय गुलाबखास और बम्बईया अस्सी रुपये प्रति किलो पर उपलब्ध है। ऐसे में कीमत कम रहने के कारण बंगाल के आम इलाके के लोगों की पसंद बने हुए हैं और बंगाली आम से गुलजार है कोसी का बाजार।
Posted By: Jagran
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