वर्दी का रौब पड़ा महंगा, निलंबित किए गए थानेदार

जागरण संवाददाता, त्रिवेणीगंज: बदमाशों की गोली बारी में घायल त्रिवेणीगंज के एक दवा व्यवसायी को सूचना देने पर उल्टे हाजत में बंद कर देना और फिर उससे मुंहमांगी रकम लेकर छोड़ना महंगा पड़ गया त्रिवेणीगंज के थानेदार सुधाकर कुमार को। मामला जहां सीधे डीजीपी के संज्ञान में जा पहुंचा वहीं पुलिस अधीक्षक सुपौल मनोज कुमार ने उसे गंभीर आरोपों में निलंबित कर दिया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया है कि आरोप की गंभीरता को देखते हुए यह कार्रवाई की गई है। लगाए गए आरोप की जांच का जिम्मा डीएसपी त्रिवेणीगंज गणपति ठाकुर को सौंपा गया है। सबसे बड़ी बात तो यह कि पीड़ित व्यक्ति ने रिश्वत के लेन देन का वीडियो क्लिप भी बतौर सबूत डीजीपी को समर्पित किया जो पुलिस की कार्यशैली की पोल खोलता है।


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पीड़ित ने घटना की जानकारी सीधे डीजीपी को दी
पैसे देकर थाने से छूटने के बाद पीड़ित व्यवसायी ने इसकी सूचना मोबाइल फोन पर सीधे डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे को दी। साक्ष्य के तौर पर कुछ वीडियो फुटेज भी भेजे। हालांकि आरोपों के मद्देनजर पुलिस अधीक्षक को जो जवाब थानेदार ने दिया था उसमें पीड़ित पर ही पुलिस के साथ बदतमीजी किए जाने तथा असहयोगात्मक रवैया अपनाए जाने का आरोप लगा। वैसे पुलिस अधीक्षक द्वारा जांच का जिम्मा पुलिस उपाधीक्षक त्रिवेणीगंज को सौंपते कहा गया कि कानून से इतर कार्रवाई कतई बर्दास्त नहीं की जाएगी। थानेदार के त्वरित निलंबन की कार्रवाई ने पुलिस के वरीय पदाधिकारियों पर आमलोगों का भरोसा जगा दिया है।
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पूर्व में भी सूचक पर ही की गई कार्रवाई
त्रिवेणीगंज थाना का यह कोई पहला मामला नहीं था जो सुर्खियों में आया। इससे पूर्व में भी शराब की सूचना दिए जाने पर सूचक को ही जेल की हवा खानी पड़ी। इतना ही नहीं पुलिस ने अपनी तफ्तीश में सूचक पर ही कारोबार को साबित कर दिया था। जेल से बाहर आने के बाद पीड़ित न्याय के लिए आज भी परेशान है।
Posted By: Jagran
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