फ्रेंड्स ऑफ आनंद के कार्यकर्ताओं ने किया प्रातिकार मार्च

जागरण संवाददाता, सुपौल: भारत के हर नागरिक को देश के किसी भी कोने में रोजी-रोटी और व्यवसाय का संवैधानिक अधिकार है। इस हक से हमें कोई वंचित नहीं कर सकता। महराष्ट्र और गुजरात में आज उत्तर भारतीयों के साथ जो कुछ भी हो रहा है, उसे हम कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम इसका कड़ा से कड़ा प्रतिकार करेंगे। इस ओर केंद्र अगर मामले में शीघ्र हस्तक्षेप कर रोक नहीं लगाती है तो हम तमाम गुजराती और मराठी कंपनियों को बिहार से उखाड़ फेकेंगे। बिहार में सरकारी नौकरियों और व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी चुन-चुन कर बाहर निकालेंगे तथा गुजरात और महाराष्ट्र जाने वाली सभी ट्रेनों को सख्ती से रोक देंगे। उक्त बातें ''''बिहार पीपुल्स पार्टी'''' और फ्रेंडस ऑफ आनंद के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को प्रतिकार मार्च निकालकर कही। दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने गुजरात- महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों पर हो रहे हमले के खिलाफ स्थानीय लोहिया चौक से स्टेशन चौक, महावीर चौक होते अंबेडर चौक तक मशाल जुलूस निकालकर विरोध मार्च किया। जहां मार्च के समापन पर अंबेडकर चौक पहुंच कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र और गुजरात सरकारों सहित मनसे का पुतला दहन किया। कार्यकर्ता 2 अक्टूबर को दिल्ली में किसानों के वाजिब मांगो का समर्थन करते हुए उनपर हुए बर्बर लाठी चार्ज की भी जम कर भ‌र्त्सना की और इसे अन्नदाताओं का अपमान बताया।

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दोनों ही संगठनों के लोगों ने त्रिवेणीगंज में बालिका छात्रावास में लड़कियों के साथ हुए दु‌र्व्यवहार पर आक्रोश व्यक्त किया। प्रतिकार मार्च में फ्रेंड्स ऑफ आनंद के नेता केदारनाथ सिंह मुन्ना, डॉ. एके. पोद्दार, रवींद्र सिंह, धीरेन्द्र कुंवर, शशिनाथ सिंह, सुनील सिंह, समरेंद्र सिंह, चंचल सिंह, रतन सिंह, गोलू महतो, मनीष सिंह, शिव कुमार सहनी, संजीव झा, परशुराम चंद्रवंशी, अमन पासवान, विष्णु राम, शशि मंडल, विकास यादव, नितिन कुमार सिंह, अविनाश राउत, शक्ति सिंह आदि ने मुख्य रूप से हिस्सा लिया।
Posted By: Jagran
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