मूर्ति चोरी के मामले में दो दोषी करार, एक रिहा

बक्सर : व्यवहार न्यायालय के एडीजे तीन की अदालत में मंगलवार को ठाकुरबारी से मूर्ति चोरी मामले में मुकदमे की सुनवाई की गई। कोर्ट ने दो के विरुद्ध आरोप सिद्ध पाया। इसमें सुशील राम और कन्हैया बिद का नाम शामिल है। इटाढ़ी थाने में 2013 में सुकरवलिया गांव से हुई मूर्ति चोरी मामले में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

अनुसंधान के क्रम में दोनों का नाम आया था। घटना 5 नवम्बर 2013 की मध्य रात्रि लगभग 12.30 बजे घटी थी। इस घटना में तीन लोगों का नाम शामिल था। लाल साहेब साह तीसरा आरोपित था। लेकिन, कोर्ट ने उसे साक्ष्य के अभाव में मुकदमे से बरी कर दिया। मुकदमे में खास बात यह है कि, इस मामले में वर्ष 2016 में एडीजे 6 कोर्ट से तीनों लोगों को सजा हुई थी। उच्च न्यायालय के आदेश पर मुकदमे पर पुन: रिवीजन हुआ। इसमें एक मुकदमे से बरी हो गया। लेकिन, दो दोषी पाए गए। इस संबंध में अपर लोक अभियोजक सुरेश सिंह ने बताया कि कोर्ट ने दोनों लोगों के विरुद्ध भादवि की अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी पाया है। मुकदमे पर 2016 में ही फैसला आया था। इस फैसले के विरूद्ध तीनों लोग उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाए। जहां न्यायालय ने पाया कि मुकदमे में सही मायने में फैसला नहीं हुआ है। क्योंकि, भादवि की धारा 395 डकैती मामले में सुशील राम व 412 सबूत घर से बरामद होने के मामले में कन्हैया बिद के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की गई थी। लेकिन, कोर्ट ने 395 में ही सभी को दोषी पाया। 412 सबूत बरामद मामले में मौन रह गया था। इसी को आधार मानते हुए उच्च न्यायालय ने मुकदमे पर दोबारा रिवीजन कर फिर से मुकदमे पर कार्रवाई का आदेश दिया था। इसमे दस लोगों की गवाही हुई। लेकिन, किसी ने भी अभियुक्तों की पहचान नहीं की। इस मामले में सुकरवलिया ठाकुरबारी पुजारी राजेन्द्र कुमार पांडेय ने राम-जानकी ओर लक्षण की अष्टधातु की मूर्ति चोरी मामले में इटाढ़ी थाने में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
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Posted By: Jagran
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