खाद की कालाबाजारी पर पदाधिकारी रखेंगे नजर

कैमूर : खरीफ फसल के उत्पादन में किसानों को उनकी मांग के अनुरूप उर्वरक मिले इसको लेकर जिला प्रशासन अभी से तत्पर है। बीते दिनों जिला स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति की बैठक डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में हुई। जिसमें जिले के किसानों को उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए डीएओ को कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।

डीएम ने बैठक में कहा कि कोई भी उर्वरक विक्रेता कालाबाजारी करते हुए पाया जाएगा तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। इस संबंध में डीएओ ललिता प्रसाद ने बताया कि खरीफ फसल उत्पादकता लेने के लिए यूरिया सहित अन्य उर्वरकों की उपलब्धता जिले में इस समय पर्याप्त है। इसके बावजूद भी जिले में उर्वरक की कालाबाजारी को रोकने के लिए पदाधिकारियों की टीम का गठन किया गया है। पदाधिकारियों की गठित टीम खाद विक्रेताओं पर नजर रखेगी। किसानों को उनकी मांग के अनुरूप उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है या नहीं या किसानों से निर्धारित मूल्य से अधिक राशि की वसूली तो नहीं की जा रही है इसकी जांच करेंगे। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर परियोजना निदेशक आत्मा की अध्यक्षता में टीम का गठन किया गया है। जिसमें तीन तकनीकी सहायक सहित अन्य पदाधिकारी शामिल किए गए हैं। जबकि प्रखंड स्तर पर अरुण कुमार पांडेय तकनीकी सहायक, आशीष कुमार सहायक इंजीनियर के अलावा संबंधित प्रखंड के बीडीओ पदाधिकारियों की टीम में शामिल रहेंगे। पदाधिकारियों की जांच में खाद की कालाबाजारी करने का मामला प्रकाश पर आने के बाद संबंधित दुकानदार के विरुद्ध लाइसेंस निरस्तीकरण करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई तत्काल की जाएगी। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष पदाधिकारियों की जांच में कालाबाजारी करने वाले सात दुकानदारों के लाइसेंस रद्द किए गए थे। पांच दुकानदारों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी तथा सात दुकानदारों से स्पष्टीकरण मांगा गया था।
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Posted By: Jagran
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