आदर्श नगर को जलजमाव से दिलाने की डीएम से अपील

सीतामढ़ी। तस्वीर देखकर हालात आप भले ही समझ जाएंगे, मगर जिनको देखना-समझना चाहिए उनको ये नहीं दिखता। शहर से बिल्कुट सटी चक राजोपट्टी पंचायत का ये ²श्य देखने वाला कांप उठता है। एक तो कोरोना संक्रमण का दौर उपर से जिम्मेदारों की इस कदर बेफिक्री देख कोई क्या समझे। वार्ड नंबर-11 का यह मोहल्ला आदर्श नगर कहलाता है। स्थिति कितनी आदर्श है यहां की, दिख ही रही है। डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा रोजाना स्वच्छता का पाठ पढ़ाते हुए दिखती-सुनी जाती हैं। अधिकारियों को एक दिन पहले ही उन्होंने इस ओर ध्यान देने का आदेश भी दिया है। मगर, उनके कान पर जूं रेंगने वाला नहीं है। इस मोहल्ले के लिए जलजमाव सिर्फ इस साल की समस्या नहीं है। वर्षों से लोग इससे जूझ रहे हैं। आश्वासनों के भरोसे साल गुजरता रहा है। आदर्श नगर में ठाकुर युगल किशोर सिंह कॉलेज से कला निकेतन होते हुए आप चाहे जेएन मिश्रा के घर तक जाएं या दूसरी तरफ दूर तक चले जाइए। जलजमाव से आपको छुटकारा नहीं मिलने वाला। ढंग की सड़क नहीं है, नाला बन नहीं पाया। पानी निकलने का ठौर नहीं है। अपना हाथ जगन्नाथ समझकर लोग खुद ही इस समस्या से जूझते और निपटते हैं।

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इनसेट
बस्ते के साथ हाथ में जूते लेकर निकलते स्कूली बच्चे
स्कूली बच्चे बस्ते के साथ हाथ में जूते लेकर निकलते हैं। जूते भींग न जाए इसलिए घर से पहनकर नहीं निकलते। जूते पहने बिना स्कूल गए तो वहां इसके लिए मार लगती है। बच्चे पूछते हैं मम्मी-पापा से 'ऐसी नरक से आखिर कब छुटकारा मिलेगी?' चार वर्षों में मुखिया अपने भरोसे कुछ कर नहीं पाए। समस्या के आगे नतमस्तक हो गए हैं। कहते हैं- सांसद-विधायक मदद कर पाएंगे तो कुछ हो सकेगा। स्थानीय वार्ड सदस्य महिला हैं। महिला होने के नाते उनको परेशानी कुछ ज्यादा समझ आती है। पूछने पर वार्ड सदस्य सुमित्रा देवी कहने लगीं मुखिया कुछ कर नहीं पाए तो मैं खुद ही पंपिग सेट लगवाकर पानी निकलवाने का प्रयास करूंगी। यह सुनकर मुखिया का भी पुरुषार्थ जाग उठा। उन्होंने भी हामी भरी है। यह भी कहा कि शुक्रवार को मौसम साफ रहा तो पंपिग सेट लेकर पहुंच जाऊंगा।
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वार्ड की तस्वीर : मोहल्ले
आदर्शनगर, वार्ड नंबर-11
आंकड़ों के आईने में
क्षेत्रफल : 50 हेक्टयर
वार्ड की आबादी : 6000
मकानों की संख्या : 753
पुरुष : 900
महिला : 700
कुल मतदाता : 1600
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जनता की जुबानी पिछले दस वर्षों से हमारा मकान है। हम लोग अपने पैसे से अपने घर तक आने वाली सड़क को भरवाए हुए हैं। अधिकतर गलियों में घुटने तक पानी पार कर जाना होता है। इस बारे में मुखिया व वार्ड सदस्य कोई सुनवाई नहीं करते। इच्छा होती है कि मकान बेचकर दूसरे इलाके में जाकर बस जाऊं। यहां तो नारकीय जिदगी जीनी पड़ रही है। हर तरफ समस्याओं का अंबार है। न साफ-सफाई है न दूसरी कोई सुविधा। कोरोना महामारी में सैनिटाइजेशन भी नहीं हो पाया। अपने पैसे से मोटर लगवाकर कैंपस का पानी निकलवाना पड़ता है।
पूनम सिंह, आदर्श नगर
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हमारा वार्ड सदस्य हो या मुखिया, दोनों किसी काम के साबित नहीं हुए। उनको अपना प्रतिनिधि चुनकर अब पछतावा होता है। एक बार भूल हो गई दूसरी बार वोट मांगने अगर आ गए तो उनकी क्लास लूंगी। हमारे वोट से राज करने वाले ये लोग हमारी नजरों से उतर गए हैं। पिछले चार वर्षों में वार्ड के विकास का कोई काम नहीं किया। एक तरफ हम सब कोरोना संक्रमण के खतरे से जूझ रहे हैं दूसरी तरफ जलजमाव जान के लिए मुसीबत बना हुआ है। सालोभर पानी लगा रहता है।
रंजू सिंह, आदर्श नगर।
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पिछले 18 वर्षों से मैं यहां रहता हूं। विकास के नाम पर गली-मोहल्ले के लोग चंदे के भरोसे सड़क भराई करते हैं ताकि आवाजाही हो सके। नाला नहीं होने से बारिश या घर का पानी सालोभर सड़क पर ही बहता है। अजीब नारकीय स्थिति है। मुखिया व वार्ड पार्षद चुनाव जीतने के बाद से पलटकर इधर नहीं देख पाए। वैसे जनप्रतिनिधियों को अगले चुनाव में सबक सिखाएंगे।
दुर्गानंद चौधरी, आदर्श नगर। ----------------------
आप देख ही रहे हैं मेरे घर के सामने घुटने भर पानी लगा है। कोरोना से बचाव के लिए साफ-सफाई जरूरी करार दिया जा रहा मगर इस वार्ड में इधर किसी ने पलटकर नहीं देखा। नगर पंचायत के पदाधिकारी व डीएम को भी हम सब की समस्या से बेखबर हैं। कई बार लिखा पढ़ी हुई। मुखिया व वार्ड सदस्य को कहने पर सुनवाई नहीं करते। दोनों बोलते हैं इतना फंड नहीं काम कैसे कराऊं, ये भी नहीं बताते काहे को पद पर बने हुए हैं।
कुमार रंजन, आदर्श नगर।
--------------------- पंचायत का फंड कम होता है। आदर्श नगर में ठाकुर युगल किशोर सिंह कॉलेज से लेकर कला निकेतन होते हुए जेएन मिश्रा के घर तक जलजमाव की समस्या है। यह मोहल्ले निचले इलाके में आता है। इसलिए सड़क का लेबल काफी नीचे है। जलजमाव से बचाव के लिए सड़कों का ऊंचीकरण होना चाहिए। नाले का निर्माण होगा तो जलनिकासी होगी। मगर सबसे बड़ी समस्या है कि सबकुछ हो भी जाए तो जलनिकासी किस नदी-नाले में मिलाई जाए। आदर्श नगर से रघुनाथपुरी होते हुए मेनरोड में डॉ. आलोक सिंह के क्लीनिक के पास बड़े नाले में मिला दिया जाए। दूसरा रास्ता है जयप्रकाश पथ होते हुए मेन नाले में उसको मिलाया जाए। मगर ये सब करने के लिए मोटे फंड की आवश्यकता है, जो पंचायत के स्तर पर संभव नहीं है। पंचायत में सिर्फ छोटी सड़कें व छोटे-छोटे नालों का निर्माण ही करा सकती है। फिर भी हर बार मैं अपने स्तर से इस मोहल्ले में राबिश, सोलिग व मिट्टी भराई कार्य करवाता रहता हूं। रही बात इस बार जलनिकासी के लिए तो शुक्रवार को ही पंपिग सेट लगाकर पानी खींचवाने का काम करूंगा।
--रंजू कुमार, मुखिया, चक राजोपट्टी।
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Posted By: Jagran
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