कामगारों का स्किल मैपिग करने में जुटा प्रशासन, कौशल के अनुरूप मिलेगा काम

रोहतास। वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते अन्य राज्यों से लौटे कामगारों को काम की तलाश में दोबारा दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। कामगारों को केवल मनरेगा व अन्य विकास कार्यों पर ही निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उन्हें अब अपने जिले में ही उनके कौशल (स्कील) के अनुरूप काम मिलेगा, जिससे कि वे स्वेच्छा से रोजगार कर जीविका चला सकें। इसके लिए लौटे कामगारों का स्किल मैपिग में अधिकारी जुट गए हैं, ताकि यह पता चल सके कि वे किस काम के प्रति इच्छुक हैं। वहीं कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार के सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से गांव लौटे कामगारों को गृह जिले में ही रोजगार मुहैया कराने के लिए अधिकारियों को टास्क सौंपा है। इससे वैसे हजारों श्रमिक भी लाभान्वित होंगे जो होली के समय से अपने गांव आए हुए हैं या एक जून के बाद श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से होम क्वारंटाइन हुए थे।


डीएम पंकज दीक्षित की मानें तो गांव लौटे निबंधित कामगारों को अपने जिले में ही रोजगार मिले, इसे ले कलस्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इसे ले गुरुवार को स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय भारत सरकार की ओर से वीडियो कांफ्रेसिग कर आवश्यक निर्देश दिया गया है। निर्देश से नियोजनालय के अलावा संबंधित विभागों व इकाइयों के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। मुर्गीपालन, बकरी पालन, मधुमक्खी पालन, कारपेंटर समेत अन्य रोजगारपरक कार्यों से जोड़ उन्हें अब जिले में ही रोजगार मुहैया कराया जाएगा। निजी उपक्रमों से जुड़े लोगों को निर्देश दिया गया है कि वे निबंधित कामगारों को प्रशिक्षित करने का काम करें, जिससे कि उन्हें इच्छा अनुरूप रोजगार मुहैया कराया जा सके। जिला नियोजनालय के अधिकारी अंकित कुमार के मुताबिक कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों व शहरों से 55223 कामगार घर लौटे हैं, जिनका निबंधन पोर्टल पर निबंधित हैं। जिन्हें प्रखंडों व पंचायतों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर पर 14 दिन क्वारंटाइन किया गया था।
Posted By: Jagran
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