प्रवासियों को गांव में रोजगार नहीं मिलने से बढ़ने लगी परेशानी

संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल): प्रखंड क्षेत्र में परदेश से घर लौटे लोगों को काम नहीं मिलने के कारण उन सबों की परेशानी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। प्रवासी मजदूरों के रोजी-रोटी के लिए गांव में कोई साधन उपलब्ध नहीं है, इस कारण उसमें से कई लोग मजबूरी में फिर से वापस जाने लगे हैं। जानकारी अनुसार प्रखंड के विभिन्न गांव में काफी संख्या में प्रवासी लोग आए हैं जिन्हें तत्काल काम की जरूरत थी। कहा जा रहा था कि मनरेगा योजना से ऐसे सभी लोगों को अधिक से अधिक काम दिए जाने की योजना बनाई जा रही है लेकिन वह भी धरातल पर नहीं उतर सका। जहां कुछ जगहों पर काम हुआ भी तो उससे महज कुछ ही मजदूर लाभान्वित हो सके। छिटही हनुमाननगर पंचायत की मुखिया बीवी नसीमा खातून ने बताया कि उनके यहां सैकड़ों की संख्या में मजदूर वापस आए हैं जो प्रतिदिन काम की मांग करते हैं। लेकिन काम नहीं रहने के कारण वैसे लोगों को वापस लौटा दिया जाता है। मुखिया ने कहा कि गांव में काम शुरू हो तो मजदूरों को घर का खर्च भी चलाने का साधन गांव में ही उपलब्ध हो सकता है लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। उधर प्रखंड क्षेत्र के कुछ अन्य पंचायतों के मुखिया ने भी मजदूरों को काम नहीं मिलने से परेशानी व्यक्त करते कहा कि ऐसे लोग बार-बार संपर्क करते रहते हैं। ऐसे में पदाधिकारियों को मजदूरों को काम देने के लिए कोई अलग से योजना बनानी होगी। कहा जा रहा है कि जब तक पदाधिकारी मजदूरों को काम देने की योजना बनाएंगे तब तक अधिकांश मजदूरों का फिर से पलायन हो जाएगा।

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Posted By: Jagran
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