हार्ह-लो वोल्टेज के उतार-चढ़ाव से उपभोक्ता परेशान, विभाग लाचार

बिहारशरीफ । हाल के दिनों में बिजली आपूर्ति के मामले में भले ही सुधार देखने को मिला है। लेकिन अभी भी बारिश होने व हवा चलने पर बिजली काट दी जाती है। जबकि विभाग का दावा है कि तेज हवा चलने पर बिजली के तार को कोई नुकसान नहीं होने वाला है क्योंकि सभी जगह कवर वायर लगा दिए गए हैं। बावजूद बिजली कब आएगी, कब जाएगी इसके बारे में विभागीय स्तर पर कोई जानकारी उपभोक्ताओं को नहीं दी जाती है। इधर, बीते दस दिनों में लोग हाई-लो वोल्टेज की समस्या से परेशान हैं। इस समस्या के समाधान में विभाग भी लाचार है। यह समस्या जिले के लिए कोई नई बात नहीं है। पहले विभाग यह कह कर पल्ला झाड़ लेता था कि नंगे व जर्जर तार की वजह से बिजली में उतार-चढ़ाव व शॉट लग जाने के करण इस तरह की परेशानी होती थी। परंतु अब सभी जगह कवर तार लग गए हैं, तब भी वोल्टेज का उतार-चढ़ाव बना हुआ है। अब लोगों को यह बात समझ नहीं आ रही कि कवर वायर लग जाने के बावजूद इस तरह की स्थिति क्यों है। विभागीय अधिकारी हर बार वोल्टेज में सुधार का भरोसा देते हैं, परंतु होता कुछ नहीं। दो दिन पहले हॉस्पीटल मोड़ के निकट के इलाके में अचानक वोल्टेज 300 से 350 तक पहुंच गया। जिससे कई घरों के पंखे, एसी, टीवी, बल्ब, इंवर्टर, फ्रिज जल गए। इस वोल्टेज की वजह से आए दिन लोगों को काफी नुकसान पहुंच रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि विभाग के पास वोल्टेज कंट्रोल के लिए वोल्टमीटर जैसे उपकरण ही नहीं है।

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जानें क्या है वोल्टमीटर
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वोल्टमीटर एक मापन यंत्र है. जो विद्युत परिपथ के किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच विभांतर को मापने के लिए प्रयोग किया जाता है। 1819 में हैंस ओरेंस्टड ने वोल्टमीटर का अविष्कार किया था। इस उपकरण का मात्र एक ही उद्देश्य था, वोल्टेज को नियंत्रित करना। लेकिन विभाग के पास इस तरह के कोई उपकरण ही उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में वोल्टेज के उतार-चढ़ाव से जूझना जारी रहेगा।
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डीएम के आदेश पर भी बिजली काटने की नहीं दी जाती सूचना
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करीब साल भर पहले जिला पदाधिकारी ने विभाग को स्पष्ट रूप से आदेश दिया था कि यदि शहर के किसी इलाके में किसी कारणवश बिजली काटी जाती है तो इसकी सूचना एक दिन पहले मीडिया को जरूर दें ताकि लोग पहले से पानी स्टॉक कर लें। डीएम के आदेश के बाद कुछ दिनों तक तो यह सिलसिला ठीक से चला पर समय के साथ विभाग का रवैया भी बदल गया। आज यदि बिजली काटनी हो तो इसकी सूचना विभाग किसी को देना उचित नहीं समझता। यहीं नहीं 24 घंटे वाले कंट्रोल रूम में लोगों की समस्या सुनने को प्रतिनियुक्त कर्मी ज्यादातर फोन रिसिव ही नहीं करते। इस कारण बिजली कटने व उसके आने का समय लोगों को पता नहीं चल पाता है।
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नुकसान की भरपाई का हकदार है उपभोक्ता
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उपभोक्ता फोरम एक्ट के अंतर्गत बिजली का उपयोग करने वाला व्यक्ति भी एक उपभोक्ता है। यदि बिजली विभाग अपनी सेवा में किसी प्रकार की त्रुटि करता है तो बिजली उपभोक्ता मुआवजे का हकदार है। वहीं बिजली में उतार-चढ़ाव के कारण हुई क्षति की भरपाई का हकदार भी है। वहीं एमआरटीपी एक्ट के अंतर्गत भी उपभोक्ता अपनी मांग रख सकता है।
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बोले अधिकारी
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बारिश होने के समय बिजली चमकने के कारण कभी-कभार वोल्टेज बढ़ जाता है जिसके कारण घर व बाहर में लगे कई उपकरण जल जाते हैं। वैसे विभाग के पास वोल्टेज उतार-चढ़ाव को लेकर कोई वोल्टमीटर उपलब्ध नहीं है। पूरे शहर में कवर तार लगा दिए गए हैं। अब पहले की तरह तार टूटकर गिरने व बिजली कटने की शिकायत नहीं मिलती। किसी तरह की परेशानी के लिए उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए बड़ी पहाड़ी पावरग्रिड में कॉल सेंटर बनाया गया है, जिसका नम्बर 7033095818 है। इस पर 24 घंटे में किसी समय भी जानकारी ली जा सकती है। मो. रिजवान अहमद
विद्युत अधीक्षण अभियंता, नालंदा
Posted By: Jagran
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