सख्त है कानून, सख्त हैं पहरुए, फिर भी धड़ल्ले बिकती है शराब

भरत कुमार झा,सुपौल: सूबे में शराबबंदी का कानून सख्ती से लागू किए जाने के बावजूद शराब धड़ल्ले से बिक रही है। अंतर सिर्फ इतना आया है कि बिकने का तरीका बदल गया है। गली, कूचा, टोला-मुहल्ला, होटल-रेस्तरां, पार्टी अथवा उत्सव हर जगह उपलब्ध हो जाती है शराब, बस आपकी इच्छा हो जानी चाहिए। ऐसा नहीं कि कोई इन बातों से अनभिज्ञ है। सबको सबकुछ का पता होता है। शराबबंदी ने सीधे सरकार के राजस्व को भले ही घाटा दिया हो लेकिन सिस्टम के लिए तो किसी कामधेनू से कम नहीं। ऐसा भी नहीं कि पुलिस इसपर काम नहीं करती है। शायद ही कोई दिन ऐसा बीतता हो कि पुलिस शराब पकड़ने के मामले में सफल नहीं होती हो। शराब की बड़े पैमाने पर बरामदगी होती है, शराब जब्त होती है, कारोबारी भी धरे जाते हैं लेकिन शराब की बिक्री का दौर अपनी गति से चलता रहता है। अब ताजे मामले में देखिए कि जब पुलिस मुख्यालय बिहार पटना के निर्देशानुसार मद्यनिषेध अधिनियम को प्रभावी ढ़ंग से क्रियान्वयन हेतु शराब की बरामदगी और शराब माफियाओं की गिरफ्तारी हेतु विगत 19 जून को जिले में महासमकालीन अभियान चलाया गया तो सुपौल जिले के विभिन्न थाना पुलिस ने 24 घंटे में 3308 लीटर शराब जब्त की, 19 मामले दर्ज किए गए, 23 कारोबारी व दो शराबी गिरफ्तार किए गए तथा एक ट्रक भी जब्त किया गया। इतने सख्त कानून, कानून के इतने सख्त पहरुए, फिर भी धड़ल्ले बिकती है शराब।-------------------------- बोलते हैं सरकारी आंकड़े

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-------------------- मद्य निषेध विभाग सुपौल द्वारा बिहार राज्य में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से 31 जनवरी 2020 तक की उपलब्धि पर गौर करते हैं तो 9716 छापामारी की गई। कुल 1188 मामले दर्ज किए गए,1182 लोगों की गिरफ्तारी की गई, 48,466 लीटर देशी शराब,1496 लीटर चुलाई शराब,5702 लीटर विदेशी शराब,224 लीटर बीयर जब्त किए गए। वहीं पुलिस अधीक्षक कार्यालय से प्राप्त सूचना के अनुसार कानून लागू होने से लेकर 31 जनवरी 2020 तक 51118 लीटर देशी शराब, 39376 लीटर विदेशी शराब जब्त की गई। कुल 2879 कारोबारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई।
Posted By: Jagran
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