बिना निविदा बिना क्रय समिति के खरीद लिए गए पांच करोड़ के बेंच डेस्क

-मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत विधायक की अनुशंसा पर वर्ष 2012-13 में की गई थी खरीदारी -तत्कालीन डीएम के आदेश पर डीपीओ ने की थी खरीदारी -भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान ने निगरानी जांच की रखी मांग जागरण संवाददाता, सुपौल: मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत विधायक की अनुशंसा पर चार करोड़ 90 लाख रुपए के बेंच-डेस्क के क्रय में वित्तीय अनियमितता के प्रमाणित मामले एवं महालेखाकार के अंकेक्षण प्रतिवेदन के आलोक में बिहार सरकार के योजना एवं विकास विभाग के द्वारा सात वर्ष के बाद तत्कालीन जिला योजना पदाधिकारी विधान चंद्र राय को अपने पद से डिमोट कर देने के बाद एक नया मामला प्रकाश में आया है। भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान ने मामले को साक्ष्य के आधार पर उजागर करते हुए करोड़ों रुपए के वित्तीय अनियमितता के लिए तत्कालीन जिला पदाधिकारी लक्ष्मी प्रसाद चौहान एवं दोषी पदाधिकारी एवं आपूर्तिकर्ता को कार्रवाई से बचाने के लिए तत्कालीन जिला पदाधिकारी बैद्यनाथ यादव पर आरोप लगाते हुए संपूर्ण मामले की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से कराने का अनुरोध बिहार के मुख्यमंत्री एवं निगरानी विभाग के अपर मुख्य सचिव से किया है।

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भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान का आरोप
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह ने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त सूचना महालेखाकार का अंकेक्षण प्रतिवेदन, जांच दल का जांच प्रतिवेदन एवं जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के अंतिम निर्णय का हवाला देते हुए कहा है कि वित्तीय वर्ष 2012-13 एवं 13-14 में सुपौल जिला में जिला योजना पदाधिकारी द्वारा चार करोड़ 90 लाख रुपये का बेंच-डेस्क का क्रय किया गया। सरकार के निदेश के विपरीत तत्कालीन जिला पदाधिकारी लक्ष्मी प्रसाद चौहान के आदेश पर क्रय समिति के निर्णय के बिना घटिया बेंच-डेस्क का क्रय किया गया। वहीं दूसरी ओर सरकार के आदेश पर गठित जांच दल द्वारा समर्पित जांच प्रतिवेदन में 14 दोषी पदाधिकारी एवं आपूर्तिकर्ता में से मात्र चार पदाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा तत्कालीन जिला पदाधिकारी बैद्यनाथ यादव के द्वारा की गई।

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बिना निविदा के करोड़ों की हुई खरीदारी
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह का कहना है कि योजना एवं विकास विभाग बिहार पटना की अधिसूचना संख्या 3637 दिनांक 23 अगस्त 2013 द्वारा सामग्री के क्रय हेतु जिला क्रय समिति का गठन किया गया। तत्कालीन जिला पदाधिकारी लक्ष्मी प्रसाद चौहान के द्वारा बिना निविदा प्रकाशन एवं क्रय समिति के निर्णय के बिना बाजार मूल्य से अधिक दर पर बेंच-डेस्क क्रय करने का अनुमोदन दिया। जिसके आलोक में तत्कालीन जिला योजना पदाधिकारी विधान चंद्र राय द्वारा आपूर्ति आदेश संख्या 768 दिनांक 30 अगस्त 2013, 787 दिनांक 7 सितंबर 2013 एवं आदेश संख्या 1134 दिनांक 17 दिसंबर 2013 के द्वारा तीन करोड़ 89 लाख 29 हजार 925 रुपया का बेंच-डेस्क का क्रय किया गया। जिला योजना पदाधिकारी के द्वारा ग्रीन प्लाय के बदले ग्रे प्लाय का क्रय कर भुगतान भी आपूर्तिकर्ता को तत्कालीन जिला पदाधिकारी लक्ष्मी प्रसाद चौहान के कार्यकाल में ही कर दिया गया।
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जांच में पाए गए 14 दोषी के बदले चार पर कार्रवाई की अनुशंसा
महालेखाकार के अंकेक्षण के दौरान करोड़ों रुपए की अनियमितता उजागर किए जाने के बाद योजना एवं विकास विभाग पटना के आदेश पर अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया। जांच दल के अध्यक्ष के द्वारा अपने पत्रांक 221 दिनांक 29 अप्रैल 2016 के द्वारा तत्कालीन जिला पदाधिकारी बैद्यनाथ यादव को जांच प्रतिवेदन समर्पित किया। जिसमें करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमितता के लिए 14 पदाअधिकारी, कर्मचारी एवं आपूर्तिकर्ता को संयुक्त रूप से दोषी माना। तत्कालीन जिला पदाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने अपने कार्यालय पत्रांक 931 दिनांक 12 जुलाई 2016 के द्वारा जांच में पाए गए 14 दोषी के बदले 4 पदाधिकारियों के विरुद्ध आरोप पत्र में गठित कार्रवाई हेतु प्रधान सचिव योजना एवं विकास विभाग पटना को लिखा गया।
Posted By: Jagran
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