वेबिनार में 350 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

हिलसा ( नालंदा) : सोमवार को श्रीचंद उदासीन महाविद्यालय के  इंटरनल क्वालिटी असेसमेंट सेल एवं वनस्पति विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में द्वितीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। शोध नैतिकता और सामाजिक चेतना विषय पर आयोजित इस वेबिनार में विभिन्न विश्वविद्यालयों के 350 विद्वान प्राध्यापकों ने ऑनलाइन हिस्सा लिया। मुख्य वक्ता रविन्शाव विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय नई दिल्ली के सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ. बी.सी. त्रिपाठी ने अपने संबोधन में वेबिनार के मुख्य विषय पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने पीपीटी के माध्यम से शोध के क्षेत्र में हो रहे अनैतिक कार्यों का विस्तृत विवरण देते हुए उसके निदानों की भी चर्चा की। उन्होंने विभिन्न देशों में तकनीक के सहारे शोध के दौरान अपनाए जाने वाले सही और गलत तरीके की विवेचना की। उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि प्लेगरिज्म शोध के दौरान अपनाए जाने वाले अनेक अनैतिक कृत्यों में से एक है। इसके कारण शोधार्थी को तो नुकसान होता ही है। इसके अलावा यह शिक्षा के व्यापक ²ष्टिकोण से भी गलत है और समाज को कुप्रभावित भी करता है। मुख्य व्याख्यान के तुरंत बाद प्रश्नोत्तर सत्र हुआ जिसका संचालन मनोविज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. रवि रंजन द्वारा किया गया। इसके पूर्व कार्यक्रम का प्रारम्भ वेबिनार के आयोजन सचिव सह संचालिका कंचन कुमारी (विभागाध्यक्षा, वनस्पति विज्ञान) के संबोधन से हुआ। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. परमानन्द पंडित ने कार्यक्रम के स्वागत सह अध्यक्षीय संबोधन में शोध नैतिकता की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम के संयोजक एवं भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार ने वेबिनार के विषय वस्तु पेश करते विस्तार से इसकी उपयोगिता को बताया । वेबिनार में शामिल सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के अंग्रे•ाी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं इंटरनल क्वालिटी एसेसमेंट सेल के संयोजक डॉ. पूर्णेंदु शंकर द्वारा किया गया।

स्वास्थ्यकर्मी व बीएमपी के जवान सहित चार हुए कोरोना पॉजिटिव यह भी पढ़ें
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार