भारी बारिश से नदियों में उफान, बाढ़ के भय से लोग सहमे

पूर्णिया। प्री मानसून और मानसून में इस बार हुई जिले में हुई भारी बारिश अब तबाही की ओर बढने लगी है। मई से लेकर अब तक हुई वर्षा ने पिछले चार साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। जिले से होकर गुजरी नदियां उफनाने लगी है। साथ ही इसका कटाव भी तेज हो गया है। खासकर महानंदा और परमान नदी नदियों के कटाव से बायसी के बनगामा, मड़वा सहित कई गांव प्रभावित हो रहे हैं। मौसम का रूख और नदियों में बढ़ रहे पानी से प्रभावित क्षेत्र के लोग भीषण बाढ़ की आशंका से भयाक्रांत हैं।

19 जून तक हो चुकी है 422 एमएम बारिश
मानसून के सक्रिय होते ही जिले में लगातार वर्षा हो रही है। मानसून भी बिहार में समय से पहले ही प्रवेश कर गया। मौसम पूर्वानुमान में 15 जून के बाद मानसून के प्रवेश की संभावना जताई गई थी लेकिन यह 12 जून को ही सीमांचल के रास्ते बिहार में घुस गया। लेकिन यहां मानसून के पहुंचने से पहले ही काफी बारिश हो चुकी थी। लॉकडाउन के दौरान प्रकृति में आए परिवर्तन की वजह से यहां प्री मानसून के तहत मई से ही वर्षा हो रही है।पिछले करीब एक माह से लगातार हो रही बारिश के कारण यहां पिछले तीन साल का रिकार्ड टूट गया है। 19 जून तक जिले में 422.75 एमएम वर्षा हो चुकी है जो पिछले चार साल में सबसे अधिक है। 2016 में 19 जून तक 255.20 एमएम, 2017 में 339.90, 2018 में 256.68 एवं 2019 में 303.10 एमएम बारिश हुई थी। हेवी रेन की वजह से यहां की नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। खासकर महानंदा और परमान तबाही मचाने लगी है। दोनों नदियों में पानी बढ़ने से बायसी अनुमंडल के कई पंचायतों कटाव शुरू हो गया है।
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बाढ हर साल दोहराती है तबाही की कहानी
हर साल जिले में महानंदा, कनकई, परमान और कोसी नदी तबाही मचाती है। महानंदा, कनकई एवं परमान नदी कटान में हर वर्ष दर्जनों परिवार के घर नदी में समा जाते हैं। किसानों की सैकड़ों एकड़ भूमि नदी में हर वर्ष विलीन हो जाती है। इस समस्या का स्थायी निदान अब तक नहीं हो पाया है। बायसी के सबसे अधिक कटाव प्रभावित गांव मड़वा गांव को बचाने के लिए कई बार कटाव निरोधक कार्य किया गया है लेकिन गांव कटाव से सुरक्षित नहीं हो सका है। इस बार हाथीबंघा गांव में पूर्व में किया गया कटाव निराधक कार्य ध्वस्त हो गया है। वहीं बनगामा, लेलुका, पानीसदरा आदि गांव में कटाव तेज हो गया है। नदी के कटाव का रफ्तार देख लोग एक बार फिर सशंकित हैं तथा सुरक्षा के लिए रतजगा करने लगे हैं।
Posted By: Jagran
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