तीसरी बार भी बालू घाट की बंदोबस्ती में नहीं पहुंचे आवेदक

पूर्णिया। जिले में चार सालों से नहीं हो पाए बालू घाटों की बंदोबस्ती करने को लेकर प्रशासनिक प्रयास तीसरी बार भी विफल रहा। चार नदी के बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए तीसरी बार मंगलवार को ई निविदा की तिथि समाप्त हुई। लेकिन कोई भी आवेदक निविदा में शामिल नहीं हुए, अब विभाग विचार-विमर्श कर आगे फिर प्रयास में जुट गया है।

जिले के सभी चार नदी महानंदा, कनकई, परमान और सौरा नदी के बंदोबस्ती का प्रयास पिछले एक वर्ष में यह तीसरी बार हुई थी। यह प्रक्रिया 9 जून को शुरू हुई थी, जिसकी ई नीलामी की प्रक्रिया 23 जून तक रखा गया था। तमाम प्रक्रिया के बावजूद कोई भी आवेदक सामने नहीं आए और निविदा रद हो गया।
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घाटों की अलग-अलग निर्धारित थी राशि::
महानंदा नदी के सभी बालू घाटों के लिए सुरक्षित धन राशि 14 लाख 38 हजार 360 रुपये था, जिसमें अग्रधन राशि (10 प्रतिशत) 1 लाख 43 हजार 836 रुपये निर्धारित था। इधर कनकई परमान और सौरा नदीं के बालू घाटों के लिए सुरक्षित धन राशि 6 लाख 87 हजार था और अग्रधन राशि 68 हजार 708 रुपये निर्धारित था। बताते चलें कि बालू खनन में घाटों की बंदोबस्ती को लेकर जिले में संवेदक की रुचि बिल्कुल नहीं दिख रही है। यहां तक कि प्रशिक्षण तक में कोई संवेदक के भाग नहीं लेते हैं जिससे खनन विभाग के अधिकारी भी परेशानी बढ़ी हुई है। जिला के बालू घाटों पर बालू की गुणवत्ता बेहतर नहीं रहना भी संवेदकों के सामने नहीं आने का प्रमुख कारण है जिससे विभाग के खजाना को लाखों का राजस्व नुकसान हो रहा है।
2015 में अंतिम बार हुई थी बंदोबस्ती::
जिले में बालू घाटों की अंतिम बार 2015 में बंदोबस्ती हुई थी। उस दौरान संवेदक द्वारा टैक्स जमा नहीं करने पर अनुज्ञप्ति रद कर दी गई थी। उसके बाद से बंदोबस्ती कार्य ठप पड़ा था। जिससे विभाग को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। चार साल से अब तक बालूघाटों की बंदोबस्ती नहीं हो पाई है। बल्कि प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास भी किया जा रहा है।
चल रहा अवैध खनन का खेल::
जिला में बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं होने से अवैध खनन जारी है। बालू माफिया पुलिस प्रशासन की नजर से चोरी छिपे खनन कर व्यापार करते हैं। अवैध रूप से खनन करने की बात कई बार सामने आई है। अगर घाटों की बंदोबस्ती हो जाती है तो वैध रूप से खनन कर बाजार में बालू का व्यापार होगा। इसका टैक्स खनन विभाग में जमा किया जाएगा। बालू कारोबार से जुड़े लोग अवैध खनन जारी रखने की नियत से भी बंदोबस्ती प्रक्रिया में भाग नहीं लेते हैं।
Posted By: Jagran
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