चचरी पुल के साथ सपनों को बहा ले गया बारिश का पानी

मधुबनी। लगातार हो रही बारिश से प्रखंड क्षेत्र की नदियां उफनाने लगी हैं। कोसी, कमला, भूतही आदि नदियों के जलस्तर में काफी वृद्धि देखी जा रही है। इसके चलते कोसी क्षेत्र के यातायात की एक प्रमुख साधन का रुप ले चुके कई चचरी पुल नदी के तेज धारा में बह गए हैं। इसके चलते कोसी दियारा के दर्जनों गांवों का प्रखंड मुख्यालय से सीधा संपर्क भंग हो गया है। भगता गांव के पास कोसी की शाखा नदी पर बना चचरी बह गया। इसके चलते बसीपट्टी एवं गढ़गांव पंचायत के लोगों को यहां से नाव के सहारे पार करना होगा या फिर लगभग 35 किलोमीटर की दूरी तय कर सुपौल जिला के रास्ते मधेपुर आना होगा।

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चचरी टूट जाने के कारण ग्रामीणों ने अविलंब यहां एक नाव की व्यवस्था करने की मांग अंचलाधिकारी से की है। इसी तरह भेजा थाना के ही ललवारही गांव को जोड़ने वाला चचरी पुल नदी के तेज धारा में टूट गया। ग्रामीण राम नारायण यादव बताते हैं कि प्रति वर्ष स्थानीय लोग हजारों रुपये खर्च कर चचरी बनाते हैं। मगर, प्रत्येक वर्ष उनके सपनों को नदी की तेज धारा संग बहा ले जाती है। सरकारी स्तर पर यहां कोई सुविधा नहीं है। बर्षों से पुल की मांग की जाती रही है। लेकिन, हालात जस का तस है। यहां एक नाव थी जो अब कई जगहों से टूट चुकी है। इसकी सवारी खतरों से खाली नहीं। प्रशासन को अविलंब नई नाव की व्यवस्था करनी चाहिए।
बताते चलें कि द्वालख और भेजा के पास दो पुल भी बने हैं। इससे यातायात में कुछ सुविधा हुई है। लोग अब निजी नाव रखना कम कर दिए हैं। हालांकि, इसका एक कारण महंगाई भी है। इसलिए आमजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन, इस विषम परिस्थिति में नाव ही एक मात्र सहारा है। आवागमन के साथ पशु चारा लाना हो या फिर अन्य दैनिक कार्य। नाव ही सहारा होता है। अब ग्रामीणों को नाव का इंतजार है।
Posted By: Jagran
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