कोरोना के प्रति अब गंभीर नहीं हैं अधिकारी

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : कोरोना की स्थिति गंभीर होती जा रही है लेकिन उसी अनुपात में अधिकारियों की गंभीरता कम होती जा रही है। न तो वे जांच के प्रति गंभीर हैं और न ही आइसोलेशन वार्ड के प्रति। वहीं कोरोना की जांच रफ्तार भी धीमी है। शुक्रवार शाम कुटुंबा प्रखंड के चिल्हकी गांव का युवक कोरोना पॉजिटिव निकला। वर्तमान में वह औरंगाबाद शहर के मधुकर कॉलोनी के पास रह रहा था। उसने बताया कि 11 जून को दिल्ली से आया था। बाद में झारखंड चला गया वहां से 17 जून को लौटकर जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंचा। वहां ं जांच नहीं हुई तो कुटुंबा रेफरल अस्पताल चले गए। वहीं से आदेश लेकर जांच के लिए 21 जून को सैंपल दिया। 23 जून को रिपोर्ट आई कि पॉजिटिव हैं। दोबारा जांच 23 जून को हुआ तो रिपोर्ट शुक्रवार की रात्रि आई। शनिवार सुबह एंबुलेंस पहुंचा और पॉजिटिव युवक को उठाकर आइसोलेशन वार्ड ले जाया गया। लेकिन जिस घर में कोरोना पॉजिटिव युवक रह रहा था न तो उस घर को सैनिटाइज किया गया और न ही उस मोहल्ले को सील किया गया। इसी तरह पीएचईडी कॉलोनी के पास के युवक का रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर आइसोलेशन वार्ड में रात में पहुंचा दिया गया। यहां भी अधिकारियों ने न तो कंटेनमेंट जोन बनाया और न ही बैरिकेडिंग की। इसी तरह कारगिल चौक एवं नागा बिगहा रोड में दो वीआइपी परिवार से ताल्लुक रखने वाले लोगों का जब जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो अधिकारी उदासीन दिखे। उन्हें लाने एंबुलेंस लेकर बीडीओ प्रभाकर कुमार सिंह पहुंचे परंतु दोनों ने जाने से इंकार कर दिया। करीब एक घंटे तक अधिकारी वहां रुके परंतु दोनों आइसोलेशन वार्ड नहीं गए। दोनों ने अधिकारियों से कहा कि हमलोग घर में ही आइसोलेट रहेंगे। दोनों से अधिकारियों ने शपथ पत्र लिया है। शपथ पत्र ने दोनों ने यह लिखकर दिया है कि सरकार के नियमों का हम पालन करेंगे। शपथ पत्र के आधार पर दोनों को घर में रहने का आदेश दिया गया। डीपीएम कुमार मनोज ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में जगह कम है। दोनों ने घर में आइसोलेट होने के लिए पहले आवेदन दिया फिर शपथ पत्र तब उन्हें आदेश दिया गया है। वीआइपी के पॉजिटिव होने से बढ़ सकता है चेन

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शहर में इन दिनों हर तरफ कोरोना की चर्चा है। शहर के विभिन्न मोहल्लों में रहने वाले तीन वीआइपी एवं एक वीआइपी के चालक की रिपोर्ट शुक्रवार को पॉजिटिव आई। कहा जा रहा है कि इनकी चेन लंबी हो सकती है। जिनका रिपोर्ट पॉजिटिव आया है ये वहीं लोग हैं जो दिन-रात आमजन के बीच रहते हैं। एक नहीं कई जगह जाते हैं। चौक-चौराहों पर चौपाल लगाते हैं।
Posted By: Jagran
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