अब किसानों को टिड्डी कीट के प्रकोप का खौफ

शिवहर। टिड्डियों के संभावित प्रकोप से सुरक्षा की तैयारी जिला प्रशासन ने प्रारंभ कर दी है। इसके लिए एक सर्वेक्षण दल बनाया गया है। जिसमें सहायक निदेशक पौधा संरक्षण, उद्यान निदेशक एवं सहायक निदेशक रसायन सहित अन्य को शामिल किया गया है।

डीएम ने बताया कि राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ प्रांतों में टिड्डी कीट के प्रकोप से फसल एवं पेड़ पौधों को काफी नुकसान पहुंचा है। भारत सरकार द्वारा इससे बचाव के लिए संबंधित विभाग की टीम गठित कर सुरक्षात्मक रसायनों का छिड़काव किया जा रहा। संभावना जताई जा रही कि इस इलाके में भी प्रकोप का सामना करना पड़े। इसकी रोकथाम एवं जागरूकता के लिए किसानों के बीच जरुरी उपाय से संबंधित पत्रक बांटे गए हैं। साथ ही बीटीएस, एटीएम, कृषि समन्वयक कृषि सलाहकारों के माध्यम से जागरूकता फैलाई जा रही।
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रसायन छिड़काव के लिए अग्निशमन विभाग से समन्वय स्थापित किया गया है। एक बड़ी गाड़ी सहित चार मिस्ट टेक्नोलॉजी गाड़ी जिला में उपलब्ध है।
कीटनाशक दवा विक्रेताओं की बैठक बुलाई जा चुकी है वहीं उन लोगों को अनुसंशित रसायनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। टिड्डी के प्रकोप से बचाव के उपाय डीएम अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि विशेषज्ञों के मुताबिक टिड्डी से सुरक्षा के लिए लैंबडासायहेलोथ्रीन 5 ईसी की 1.0 मिलीलीटर मात्रा, क्लोरपायरीफॉस 20 ईसी की 2 से 3 मिलीलीटर, फिपरोनिल 5 ईसी 1.0 मिलीलीटर, डेल्टामेथ्रीन 2.8 ईसी की 1.0 या 1.5 मिलीलीटर मात्रा उपर्युक्त रसायनों में से किसी एक की उक्त मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। छिड़काव के लिए सूर्यास्त से सूर्योदय के बीच का समय उपयुक्त है।
यह भी बताया गया कि संभावित टिड्डी प्रकोप को देखते हुए एहतियातन नियंत्रण कक्ष की स्थापना निदेशक पौधा संरक्षण के नेतृत्व में किया गया है जिसमें संबंधित कर्मी कलामुद्दीन की प्रतिनियुक्ति की गई है।
किसानों सहित तमाम जिला वासियों का आह्वान किया गया है कि सचेत रहें जागरूक रहें जिला प्रशासन भी अपने स्तर से तैयारी पूरी कर रहा।
Posted By: Jagran
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