गोपालगंज। अब सदर अस्पताल में लावारिस शव जहां-तहां पड़े नहीं नजर आएंगे। ना ही शवों के सड़ने से उठी बदबू से अन्य मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ेगी। इसके साथ ही लावारिस शव को सुरक्षित रखने लिए स्वास्थ्य महकमे के सामने आ रही दिक्कत भी दूर हो गई है। लावारिस शवों को सुरक्षित रखने में हो रही परेशानी को देखते हुए जिला परिवहन विभाग ने सदर अस्पताल को दो डीप फ्रीजर सौंपा है। अब डीप फ्रीज में तीन दिन तक लावारिस शव को सुरक्षित रखा जा सकता है।
जिले में हादसे में घायल या गंभीर रूप से बीमारी की हालत में सड़क के किनारे पड़े अज्ञात लोगों को पुलिस के साथ ही आम लोग सदर अस्पताल में भर्ती कराते हैं। इनमें से कई की इलाज के दौरान मौत हो जाती है। नियम के अनुसार किसी अज्ञात की मौत के बाद उसकी शिनाख्त कराने के लिए शव को 72 घंटे तक रखा जाता है। लेकिन अज्ञात शव को सुरक्षित तरीके से सदर अस्पताल में व्यवस्था नहीं होने से शव सड़ने लगते हैं। लेकिन अब अज्ञात शव को सुरक्षित रखने के लिए आ रही समस्या दूर हो गई है। जिला परिवहन विभाग ने सदर अस्पताल को दो डीप फ्रीजर सौंपा है। सिविल सर्जन डॉ. टीएन सिंह ने बताया कि पहले अज्ञात शव को तीन दिन रखने में काफी दिक्कत होती थी। शव से 24 घंटे के अंदर ही बदबू उठने लगती थी। अब सदर अस्पताल को दो डीप फ्रीजर उपलब्ध हो गया है। डीप फ्रीजर में शव को पूरी तरह से सुरक्षित रखेगा। किसी प्रकार का कोई इंफेक्शन भी नहीं फैलेगा।
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Posted By: Jagran
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