तत्कालीन कुलपति का पीठ पीछे विरोध न्याययोचित नहीं : डॉ. आर केपी रमन

मधेपुरा। बीएन मंडल विवि के पूर्व कुलपति डॉ. अवध किशोर राय के कार्यकाल में व्याप्त अनियमितता मामले में विवि की छवि धूमिल होने पर सामाजिक विज्ञान के संकायाध्यक्ष डॉ. आरकेपी रमन ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि बीएनएमयू का ऐतिहासिक नियति है कि किसी कुलपति के कार्यकाल की समाप्ति के बाद नकारात्मक समीक्षा की जाती है। इससे विश्वविद्यालय का अगला प्रशासनिक एवं विकासात्मक कार्य बाधित होता है। विवि का भूतकाल साक्षी है कि यहां के कुछ लोग आपस में लड़ कर, एक दूसरे का शिकायत कर, विश्वविद्यालय के विकास को बाधित करते रहे हैं। हैरत करने वाली बात यह है कि तत्कालीन कुलपति का गणेश परिक्रमा करने वाले आज उनका विरोध कर रहे हैं। इस विवाद के कारण विश्वविद्यालय विकासात्मक स्तर पर कई वर्ष पीछे चले गया है। यह सही है कि काम करने में कुछ 19-20 होता है, लेकिन जब तक इन छोटी-छोटी बातों को भूल कर सकारात्मक दिशा में काम नहीं किया जाएगा तब तक सर्वोच्च विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। डाॉ.आरकेपी रमन ने कहा कि वर्तमान में भी इतिहास की पुनरावृति हो रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व कुलपति प्रो. डॉ. अवध किशोर राय बीएनएमयू को अपने कार्यकाल में सभी क्षेत्रों में विकास की। लेकिन आज उनके निकटतम एवं सलाहकार के द्वारा ही आलोचना की जा रही है, जो विश्वविद्यालय की गलत परंपरा की महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा आलोचना सुव्यवस्थित कार्य के लिए आवश्यक है, लेकिन आलोचना स्वस्थ और सामने से होना चाहिए। ताकि उसमें सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि जब पूर्व कुलपति प्रो. डॉ. अवध किशोर राय थे तो उनके कार्यकाल की तारीफ की जा रही थी, लेकिन जैसे ही वे अपने कार्यकाल को पूर्ण कर चले गए तो उनके पीठ पीछे आलोचना किया जाना एवं निदा किया जाना स्वस्थ परंपरा पर कुठाराघात है।

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Posted By: Jagran
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