शारीरिक दूरी व हाथों को सैनिटाइज करने के बाद कर सकेंगे महादेव के दर्शन

कलेर, अरवल : सावन का महीना छह जुलाई से शुरू होने वाला है। सावन में एनएच 139 पर महेंदिया से दो किलोमीटर पश्चिम की ओर अवस्थित ऐतिहासिक मधुश्रवां धाम में हर साल अधिक भीड़ होती है। बिहार के कोने-कोने से लोग आकर भगवान मधेश्वर नाथ का जलाभिषेक कर पूजा अर्चना कर अपनी मंगल कामना की इच्छा व्यक्त करते हैं। सावन के प्रत्येक सोमवार को यहां श्रावणी मेला लगता था। लेकिन इस बार जिला प्रशासन द्वारा मंदिर परिसर मे लगने वाले मेले को रद कर दिया गया है। सिर्फ शारीरिक दूरी कायम रखते हुए जलाभिषेक कर सकते हैं। जिलाधिकारी रविशंकर चौधरी ने बताया कि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश से पहले हाथ को सैनिटाइज करना होगा। अंदर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मास्क लगाना अनिवार्य है। सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक कार्य किया जा रहा है।

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मधुश्रवां स्थित इस तालाब के बारे में भी एक धार्मिक मान्यता है। जनश्रुतियों के अनुसार जिस स्त्री को संतान नहीं होता है वह अगर सच्चे मन से तालाब में स्नान कर भगवान शंकर की पूजा करती है तो उसकी सारी मन्नतें पूर्ण होती हैं। इतना ही नहीं उक्त तालाब में स्नान करने से कुष्ठ व चर्म रोग सहित अन्य बीमारियां भी दूर होती हैं। जनश्रुति के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम रामचंद्र ने भी गया पिडदान करने जाते समय पत्नी सीता के साथ यहां रुककर बाबा मधेश्वरनाथ की पूजा अर्चना की थी।
हालांकि इस साल कोरोना महामारी को लेकर श्रावणी मेला होने पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मंदिर के महंत अखिलेश भारती ने बताया कि सावन को लेकर कोई निर्देश नहीं आया है। मंदिर प्रबंधन जिला प्रशासन की अनुमति का इंतजार कर रहा है।
Posted By: Jagran
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