मनुषमारा नदी के जलस्तर में वृद्धि से निचले इलाके में फैल रहा पानी

बेलसंड। क्षेत्र में मानसून की सक्रियता के कारण लगातार हो रही बारिश मनुषमारा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। इस कारण भोरहा, पताही, मांची, सौली, रुपौली, दयानगर, गोठवारा एवं नगर पंचायत के वार्ड नम्बर 1, 9, 8, 12 के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है। जिससे हजारों एकड़ में लगे धान की फसले डूब गई है । अधिक पानी के कारण ईख कि फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। मनुषमारा नदी की जल निकासी के लिए बागमती के जल निस्सरण प्रमंडल द्वारा नाला के उड़ाही के कार्य मे बरती गई अनियमितता को कारण बताया जा रहा है। आमद के मुताबिक निकासी न होने के कारण जलस्तर में वृद्धि जारी है । अभी तो मानसून की शुरुआत है अधिक बारिश होने पर स्थिति और भयावह होने की आशंका जताई जा रही है। इलाके के किसान सुरेंद्र सिंह, बतहु भगत, तारकेश्वर भगत,नन्हे सिंह,कौशल किशोर सिंह, शंकर चौधरी, सुधीर कुमार सिंह, दिलीप सिंह, सुधांशु शेखर, हुसैन, राधा साह, गया सिंह समेत कई किसानों ने बताया कि लोक अभियोजक अरुण कुमार सिंह कि पहल पर तत्कालीन सिचाई मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मनुषमारा नदी के जल निकासी के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की थी । उक्त आदेश के आलोक में बागमती जल निस्सरण प्रमंडल द्वारा नाले की खुदाई शुरू करा दी गई। इससे बेलसंड, परसौनी एवं रुन्नीसैदपुर प्रखंड के दर्जनों गांव के हजारों किसानों को जल जमाव से मुक्ति की उम्मीद जगी थी। लेकिन अभियंताओं की शिथिलता एवं संवेदक की लापरवाही से उम्मीद पर पानी फेर दिया।


Posted By: Jagran
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