खेतों में जलजमाव से सब्जी की खेती पर प्रतिकूल प्रभाव

आरा। इस वर्ष बरसात के शुरू में ही रह-रह कर हो रही भारी वर्षा कृषि कार्य में भी बाधा और किसानों को भी परेशान व क्षति ही पहुंचा रही है। आबादी वाले मुहल्ले टोले में जहां जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है वहां घरों के आंगन, खंड व राह रास्ते में जलजमाव से काफी परेशानी हो रही है। पिच सड़कों के दोनों तरफ भी लगातार हो रही भारी वर्षा से किचड़ पानी के चलते वाहन, बाइक, साइकिल चलाने में परेशानी व खतरा तो है ही पैदल चलना भी दुश्वार व खतरनाक हो रहा है । राज मार्ग व सड़कों के चौड़ीकरण व कोईलवर अब्दुलबारी पुल के समानांतर निर्माणाधीन सिक्स लेन पुल का एप्रोच रोड आदि का निर्माण कार्य भी भारी वर्षा से प्रभावित है ।

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किसान बताते हैं कि पिछले पखवारे में बिचड़ा के लिए खेतों में डाले गए धान के बीज अधिक वर्षा के कारण अधिकतर खेतों में हुए जलजमाव में जहां तहां इकट्ठा हो बर्बाद ही हो गये । लगातार हो रही वर्षा धान की खेती के अलावा इस क्षेत्र में मकई, मसूरी, अरहर व बाजरा की बुवाई में भी भारी बाधक बन रहा है । इनके योग्य खेतों में भी वर्षा से जलजमाव हो गया है जबकि इनकी खेती के लिये खेत जोतने को नमी वाली फरहर जमीन चाहिये । कोईलवर नगर के उत्तरी पश्चिमी वार्ड एक के कटकैरा निवासी किसान परिवार के समाजसेवी कृष्ण कुमार सिंह बताते हैं कि उनकी तरफ व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में जमीन व पटवन के लिहाज से इस मौसम में धान,मकई, मसूरिया, अरहर के अलावा सब्जी की मिलीजुली खेती होती आई है। सब्जी की खेती के लिए बैगन, टमाटर व मिर्च आदि की गाछी अर्थात बिचड़ा के लिए बीज भी नही डाला गया है । इनके पौधे जब पांच दस इंच के हो जाते हैं तो नियमानुसार दूरी बना खेतों में रोपा जाता है ,जो अभी तक संभव नही हो सका है । जेठुई सब्जी कद्दू, नेनुआ, तरोई, भिडी, पलवल आदि की तैयार फसल अर्थात सब्जी खेतों में वर्षा के जलजमाव से प्रभावित व बर्बाद हो रही है ।
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