एक ही परीक्षार्थी की दो उत्तर पुस्तिका मिलने से हड़कंप

आरा। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में वीक्षकों की लापरवाही का मामला फिर प्रकाश में आया है। स्नातक पार्ट वन सत्र 2018-21 में एक ही परीक्षार्थी की दो उत्तर पुस्तिकाएं मिली है। वहीं कुछ ऐसी भी उत्तर पुस्तकाएं हैं, जिसमें रोल नंबर और पंजीयन भी नहीं लिखा गया था। इससे ओएमआर स्कैनिक की समस्या बताई गई है। कई उत्तर पुस्तकाओं में अंक गायब है। इससे विभागों में मूल्यांकन पर सवाल खड़ा हो गया है। इससे विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में हड़कंप मचा है। इसके पहले भी स्नातक में एक ही परीक्षार्थी के दो उत्तर पुस्तिकाएं मिल चुकी है। बता दें कि पार्ट वन की कई विषयों की कॉपी के ओएमआर पर परीक्षक द्वारा अंक नहीं चढ़ाया गया है। बिना अंक चढ़ाए ही ओएमआर जमा कर दिया गया है। हालांकि इसको सुधार के लिए परीक्षा विभाग ने संबंधित विभागों को दोबारा भेजा है। सूत्रों ने बताया कि अर्थशास्त्र, भौतिकी, अंग्रेजी सहित अन्य विषयों में कई छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं के ओएमआर पर जांच के बाद अंक नहीं चढाये गये हैं। कई में अंक कॉपी भी गायब थे। इससे रिजल्ट में भी विलंब होने की संभावना प्रबल हो गई है।

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क्या कहते हैं अधिकारी
जांच करने पर प्रथम ²ष्टव्या मामला लापरवाही का लगता है। उत्तर पुस्तिकाओं के ओएमआर पर अंक दर्ज होने चाहिए थे, लेकिन ऐसा किया गया है। जिन विषयों में यह मामला प्रकाश में आया है, उस विषय के पीजी हेड को कॉपी भेज कर पुन: जांच करवाई जा रही है।
-डॉ. लतिका वर्मा, परीक्षा नियंत्रक,वीकेएसयू
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संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों को देना होगा सम्मान पूर्वक वेतन
जागरण संवाददाता, आरा: वीर कुंवर सिंह विवि अंतर्गत संबद्ध कॉलेजों को विद्यार्थियों से लिए गए नामांकन शुल्क का ब्योरा देना होगा। उन्हें अपने-अपने शासी निकाय से इसे अनुमोदन कराकर विवि प्रशासन को आगामी एक सप्ताह में जमा करना है। नामांकन शुल्क के प्रारूप का विस्तार से विवरण देना होगा। छात्र कल्याण अध्यक्ष डॉ. केके सिंह ने बताया कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो विवि प्रशासन इस पर गंभीरता से विचार करेगा। बता दें कि पिछले दिनों हुई संबद्ध कॉलेज के प्राचार्यों की बैठक में शुल्क का ब्योरा मांगा गया था। बता दें कि अंगीभूत कॉलेजों के लिए शुल्क निर्धारण किया जा चूका है। विवि प्रशासन का कहा है कि संबद्ध कॉलेज विभिन्न मदों में 4500 रुपया नामांकन शुल्क ले सकते हैं, लेकिन उन्हें अपने कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मियों को सम्मान पूर्वक वेतन भुगतान करना होगा। कॉलेज आंतरिक स्त्रोत से 70 प्रतिशत राशि का भुगतान शिक्षकों और कर्मियों के बीच करना होगा। ऐसा राजभवन का आदेश के आलोक में कहा गया है। इस निर्णय से उन्हें 21 हजार, 600 रुपये प्रति शिक्षकों को वेतन भुगतान करने होंगे। विवि की ही संबद्ध इकाई महाराणा प्रताप मोहनिया में शिक्षकों को सम्मान पूर्वक वेतन दिया जाता है। एक्ट के अनुसार संबद्ध कॉलेजों में शुल्क निर्धारण शासी निकाय करता है। \
Posted By: Jagran
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