शारीरिक दूरी का पालन कर आक्रोश दिवस मनाया

आरा। महामारी की आड़ में रेलवे को बेचने और रेलवे के 50 फीसद पद खत्म करने के फरमान के खिलाफ आइसा और इनौस के देशव्यापी आह्वान पर आरा रेलवे परिसर में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए आक्रोश दिवस मनाया गया। इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंजिल ने कहा कि मोदी सरकार कोविड-19 जैसे भयावह महामारी से लड़ने के बजाए रेलवे को पूंजीपतियों को बेचकर इस देश की जनता और छात्र-नौजवानों से लड़ रही है। सरकार ने 150 से अधिक प्राइवेट ट्रेनें चलाने का नया फैसला जारी किया है। रेलवे नौकरी का एक बड़ा सेक्टर है, जिसके लिए लाखों छात्र तैयारी करते हैं। लेकिन सरकार इसका निजीकरण कर उनके सपनों की हत्या कर रही है। वहीं आइसा राज्य सचिव सबीर कुमार ने कहा कि रेलवे के पदों में 50 प्रतिशत की कटौती कर मोदी सरकार छात्र-नौजवानों को रोजगार से बेदखल कर देना चाहती है। रेलवे में नौकरी की तैयारी अधिकांश बिहार-उत्तर प्रदेश जैसे पिछड़े राज्यों से आने वाले छात्र-नौजवान करते हैं। इस बार के एनटीपीसी के महज 35 हजार सीटों के लिए करोड़ों छात्रों ने फॉर्म भरा था। लेकिन सरकार ने उसमें भी कटौती कर दी। आने वाले दिनों में अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती तो छात्र-नौजवान पूरे देश भर में इस तानाशाही के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंकेगा। कार्यक्रम में इंसाफ मंच के राज्य सचिव कयामुद्दीन अंसारी, आइसा जिला सचिव रंजन कुमार, जिलाध्यक्ष पप्पू कुमार, चंदन कुमार, रोशन कुमार, लालजी शर्मा, मंटू कुमार आदि मौजूद थे।

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Posted By: Jagran
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