नानी-दादी के गोद हो गई सूनी, तीन गांवों में मातम

अरवल : मामूली से चूक और एक पल में नानी और दादी की गोद सूनी हो गई। सोन नद ने एक साथ चार बच्चों की मौत से तीन गांवों में मातम छा गया। दादी के घर छोड़कर नानी के घर आए बच्चों की जान खेल-खेल में चली गई। अरवल में हुई घटना में औरंगाबाद के दाउदनगर और हसपुरा के दो बच्चे ननिहाल में अपने ममेरा भाई-बहन से साथ मौत का शिकार हो गए।

कुदरत भी अजब गजब खेल खेलती है। मासूम बच्चों का क्या पता था कि जिस पानी के लहर के साथ वह खेल रहा है वह उसकी जीवन लीला समाप्त करने पर तुली है। बच्चों के लिए इस तरह का खेल कोई नई बात नहीं थी। प्राय: ही बच्चे इस खेल को खेलते थे। रविवार को भी मलहीपट्टी निवासी गौहर के बेटा-बेटी के साथ उसके दो भांजे भांजी भी नदी के किनारे खेलने गए थे। बच्चे नदी के किनारे चप्पल फेककर आनंद ले रहे थे। इसी दरम्यान जब पानी के साथ चप्पल बहने लगा तो उसे छानने के लिए बच्चे में पानी में उतर गए। सोन नदी का तेज उफान चार मासूमों को सदा सदा के लिए परिजनों से दूर कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही मलहीपट्टी में हाहाकार मच गया ही गौहर के दो बहनों के घर में भी कोहराम मच गया। गौहर का एक बहन औरंगाबाद जिले के हसपुरा तथा दूसरा दाउदनगर के पुरानी बाजार के रहने वाली है। उन दोनो के बहनों के बच्चे भी ननिहाल आए थे। इस घटना में गौहर के एक भांजा और एक भांजी की भी मौत हो गई। गौहर के दो बेटे में से एक की मौत सोन नदी में डूबने से हुई ही साथ ही साथ उसकी बेटी तथा भांजा भांजी की जीवन लीला भी समाप्त हो गई। इस हृदयविदायक घटना पर भाकपा माले के जिला सचिव महानंद ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि बालू माफिया द्वारा नदी के किनारे में खाई कर दिए जाने के कारण ही यह घटना घटी है। लोग बालू की निकासी तो करते हैं लेकिन गड्ढे को भरना मुनासिब नहीं समझते हैं। आए दिन इस तरह की घटनाएं होती रहती है। उन्होंने सरकार से परिजन को उचित मुआवजा देने की मांग की है।
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Posted By: Jagran
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