टिक टॉक के जवाब में क्रे ऐप आया मार्केट में, पढ़े इसके बारे में

चाइनीज ऐप पर केन्द्र सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदियों के बाद से लगातार भारतीय सॉफ्टवेयर डेवलपर इसी तरह का एक स्वदेशी ऐप बनाने की कोशिशें कर रहे हैं.

इसी कड़ी में दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज में रहने वाले दो साफ्टवेयर इंजीनिरों ने भी वर्क फ्राम होम के दौरान टिक टॉक के जवाब में क्रे ऐप बनाया है.
वहीं, क्रे ऐप के निर्माताओं का बोलना है कि इंटरनेट पर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण डाटा की सुरक्षा है. ऐसे में यह एप पूरी तरह से भारतीय सर्वर पर कार्य करता है व उपभोक्ताओं को डाटा भी पूरी तरह सुरक्षित है. वसंत कुंज में रहने वाली मानसी व अविजीत ने क्रे एप को डेवलप किया जो कि एक वीडियो शेयरिंग एप है.
उन्होने बताया कि केन्द्र सरकार ने टिक टॉक समेत 59 चाइनीज एप को प्रतिबंधित कर दिया था इसके बाद उन्होने भारतीय उपभोक्ताओं के लिए एप बनाने की सोची. जिसके बाद उन्होने क्रे एप बनाया है. एप में टिक टॉक की तरह वीडियो शेयरिंग के सभी फीचर उपलब्ध है. इसके अतिरिक्त भारतीय सर्वर पर यह कार्य करता है.
मानसी ने बताया कि यह एप एंड्रायड फोन्स के लिए अभी उपलब्ध है जल्द ही यह एप्लीकेशन एप्पल फोन के लिए भी उपलब्ध हो जाएगा.
क्रे एप की यह है खासियत
यहां पर बता दें कि पिछले महीने 15-16 जून की रात को चीन-भारत सीमा पर हुए प्रयत्न में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद से चीनी सामान के बहिष्कार की मुहिम सारे देश में चल रही है. वहीं, हिंदुस्तान सरकार ने पिछले दिनों 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया, जिनमें सबसे चर्चित ऐप टिक-टॉक भी है.

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