परवान चढ़ा प्यार, चूड़ियां तोड़ हथकड़ी का सिंगार

जहानाबाद : प्यार जब परवान चढ़ा तो अपनी सुहाग को ही मिटा दी। सावन में हाथों की हरी चूड़ियां तोड़ हथकड़ी को सिंगार बनाया। घटना जिले के प्रीतम बिगहा की है। यहां की सरिता ने अपने प्रीतम में लिए पति को ही ईट-पत्थर से कूचकर मांग की सिंदूर मिटा दी।

सरिता अपने प्रेमी के साथ प्यार की धारा में बहते जा रही थी। कई दिनों तक घूमकर वापस घर लौटी तो पति को नागवार गुजरा। सोमवार की रात पति सो रहा था तब ईट-पत्थर से कूचकर अपने हाथों की चूड़ियां तोड़ दी। घटना का गवाह बनी सात साल की बेटी कविता। मंगलवार की सुबह कविता ने पड़ोस में चुपके से घटना की जानकारी दी तो पूरा गांव घटना से स्तब्ध था। कविता के आंखों के सामने बाप का शव पुलिस पोस्टमार्टम के लिए ले जा रही थी और मां सरिता के हाथों में हथकड़ी लगी थी।
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ओकरी ओपी क्षेत्र के प्रितम बिगहा गांव में एक पत्नी द्वारा ही अपने पति की हत्या कर रिश्ते को तार-तार कर दिया गया है। एक ओर जहां सात वचनों को सात जन्मों तक साथ निभाने की हमारी परंपरागत व्यवस्था इस घटना से कलंकित हुई है। वहीं अबोध बच्ची कविता घटना की चश्मदीद बनी हुई थी। पास में पड़े पिता के शव तथा मां के हाथ में लगी हथकड़ी इस मासूम के लिए अबूझ पहेली था। उसे यह समझ में नहीं आ रहा था आखिर एक साथ उसके मां-पिता उससे दूर कैसे जा रहे हैं। इस निर्मम पत्नी की क्रूरता की सजा तो कानून देगी लेकिन बेकसूर बेटी कविता को समझ में नहीं आ रहा था कि उसे किस गुनाह की सजा मिली। मां-पिता से दूर होकर काटने को मजबूर हो रही है। अपने चाचा से लिपटकर रोते हुए कविता को देख वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो जा रही थी। पुलिस की जीप पर जा रही मां को वह एकटक निगाह से देख रही थी। तीन दिन पहले कविता अपने मां के साथ कोडरमा ननिहाल से घर आई थी।
Posted By: Jagran
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