सिचाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए खेतों का जियो टैगिग से किया जाएगा सर्वेक्षण

बिहारशरीफ : हर खेत को पानी मिले यह सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक है। कृषि विभाग इस व्यवस्था को लागू करने के लिए अद्यतन सर्वे करा रही है। इस सर्वे का उद्देश्य प्रत्येक खेत पर सिचाई व्यवस्था सुनिश्चित करना है। सर्वे के माध्यम से सिचित क्षेत्रों में वर्तमान सिचाई के स्त्रोत तथा असिचित क्षेत्रों में संभावित उपयुक्त सिचाई के स्त्रोत की जानकारी प्राप्त की जाएगी। यह कार्य राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के डिजिटाइज्ड भू अभिलेख के आधार पर तैयार किए गए विशेष एप के माध्यम से किया जाएगा। एप में पूर्व से उपलब्ध राजस्व विवरणी के आलोक में जमाबंदी वार एवं प्लॉट वार उपलब्ध सिचाई व्यवस्था एवं संभावित सिचाई के स्त्रोत की जानकारी प्राप्त कर अपलोड किया जायेगा। सर्वेक्षण कार्य में डिस्ट्रिक्ट इरीगेशन प्लान, जल संसाधन विभाग एवं लघु जल संसाधन विभाग की परिसंपत्तियों, पांचवा एवं छठा लघु सिचाई गणना के आंकड़े तथा जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सृजित एवं विकसित जल स्त्रोतों के आंकड़ों का भी उपयोग किया जा सकेगा। सर्वेक्षण का कार्य मुख्य रूप से कृषि विभाग के कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार द्वारा स्थल भ्रमण कर किया जाएगा। इसका सत्यापन अंचलाधिकारी एवं भूमि सुधार उप समाहर्ता द्वारा तथा अनुमोदन अपर समाहर्ता द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक पंचायत हल्का के लिए एक कृषि समन्वयक किसान सलाहकार को नामित किया जा रहा है। सर्वे में भूमि से संबंधित अभिलेख के बारे में आवश्यक जानकारी एवं सहयोग देने के लिए राजस्व ग्राम वार सर्वेक्षण हेतु रोस्टर तैयार कर राजस्व कर्मचारी, अंचल निरीक्षक की प्रतिनियुक्ति सभी अंचलाधिकारी सुनिश्चित करेंगे। सभी सीओ को सर्वेक्षण कार्य की अवधि में नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण कर कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग के कर्मियों के बीच आवश्यक समन्वय सुनिश्चित कराएंगे। सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता भी समय-समय पर क्षेत्र भ्रमण कर सर्वे कार्य के प्रगति का अनुश्रवण करेंगे तथा डीएम को इससे अवगत कराएंगे। इस सर्वेक्षण कार्य के जिला स्तर पर अनुश्रवण के लिए जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की गई है, जो समय समय पर बैठक कर प्रगति की समीक्षा करेगी। सर्वेक्षण कार्य को अविलंब प्रारंभ करने के उद्देश्य से आज जिला पदाधिकारी ने सभी संबंधित पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से बैठक की। सभी पदाधिकारियों को उनके  दायित्वों के बारे में विस्तृत एवं स्पष्ट रूप से जिला पदाधिकारी ने जानकारी दी। पंचायत हल्का वार कृषि समन्वयक किसान सलाहकार एवं राजस्व कर्मचारी, अंचल निरीक्षक की प्रतिनियुक्ति कर सर्वेक्षण रोस्टर आज ही तैयार करने का निर्देश दिया गया। सर्वेक्षण कार्य में लगाए जा रहे कर्मियों को इस एप के उपयोग की प्रक्रिया के बारे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सर्वेक्षण में लगे कृषि विभाग के कर्मी अपने आवंटित पंचायत, राजस्व ग्राम का डिजिटल मानचित्र संबद्ध हल्का कर्मचारी से प्राप्त करेंगे। वह राजस्व ग्राम वार भ्रमण कर सिचाई व्यवस्था से संबंधित जानकारी प्राप्त करेंगे साथ ही किसानों एवं जनप्रतिनिधियों से भी इस संबंध में विचार विमर्श करेंगे। सिचित क्षेत्रों के लिए सिचाई स्त्रोत की जानकारी प्राप्त कर ऐप के माध्यम से अपलोड करेंगे। इसी प्रकार असिचित क्षेत्रों  के लिए संभावित, उपयुक्त सिचाई के साधनों के बारे में किसानों एवं आसपास के लोगों से जानकारी प्राप्त कर एप पर अपलोड करेंगे। सर्वेक्षण का कार्य जियो टैगिग के साथ किया जाएगा। सर्वेक्षण के क्रम में कर्मियों के भौतिक भ्रमण एवं किसानों के साथ विचार विमर्श से संबंधित फोटोग्राफ भी एप के माध्यम से अपलोड किया जाएगा।

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डीएम ने सभी पदाधिकारियों को अपने अपने निर्धारित दायित्वों का निर्वहन निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। बैठक में अपर समाहर्ता तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता, अंचलाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी जुड़े थे।
इनसेट
राज्य की खुशहाली के लिए अन्नदाता का खुशहाल होना बेहद जरुरी है। इसके लिए हर खेत तक पानी पहुंचाने की सरकार ने कवायद की है। लेकिन इस मामले में जिला की स्थिति संतोषजनक नहीं कही जा सकती है। जिले के अधिकांश खेत आज भी बिजली से महरूम है। ऐसे में सरकार की हर खेत तक पानी पहुंचाने की योजना अर्थहीन दिखता नजर आ रहा है। सरकार की यह योजना अब तक कागजों तक ही सीमित है। किसानों ने कहा कि हर खेत में पानी पहुंचाने के नाम पर केवल कोरम पूरा किया जा रहा है।
Posted By: Jagran
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