लापरवाही बन जाए जानलेवा, लगाएं मास्क व बरतें सावधानी

छौड़ाही (बेगूसराय) : बाजार से लेकर गांव तक लोग बगैर मास्क के बेखौफ घूम रहे हैं। गांव-मोहल्लों में सज रहे चौपालों पर बमुश्किल एकाध लोग मास्क वाले दिख रहे हैं। इस निर्भीकता के कितने भयावह परिणाम हो सकते हैं इससे अब शायद ही कोई अनभिज्ञ हो। इसके बावजूद इस तरह की जानलेवा लापरवाही लोग कर रहे हैं। बाइक सवार बगैर हेलमेट और मास्क के न सिर्फ घूम रहे हैं, बल्कि दुकानों में खरीदारी भी कर रहे हैं। यह हाल तब है जब जिला प्रशासन कोरोना से बचाव को लेकर लॉकडाउन लगा चुकी है।

घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए पुलिस जांच के साथ जुर्माना भी कर रही है। परंतु, इसका प्रभाव नहीं दिखना चिता की बात है। 25 फीसद लोग भी मास्क नहीं लगा रहे हैं। कोरोना महामारी की भयावहता को जानते हुए भी लोग अनजान बन रहे हैं, जो बड़ी मुसीबत का कारण बन रही है। आमलोगों के हित में कोरोना वारियर्स की मार्मिक अपील और पुलिस प्रशासन की सख्ती के बाद भी मास्क और साबुन का प्रयोग करने, बेवजह घर से बाहर नहीं निकलने की आसान सी बात लोगों के समझ में नहीं आ रही है। ऐसे में प्रशासन को थोड़ी और सख्ती बरतने की

जरूरत है। जिससे कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने में सहायता मिल सके। शारीरिक दूरी के प्रति भी लापरवाही कम नहीं। बाजार से लेकर अन्य दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ दिख रही है। जबकि एक दूसरे के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी होना जरूरी है। पहले के लॉकडाउन के दौरान गोल घेरा बनाए गए थे। प्रशासन भी इसकी निगरानी कर रही थी। अब ऐसी बात नहीं है। जबकि सामाजिक संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। जरूरत है कि जन सामान्य सावधानी बरते। साथ ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन भी अपनी भूमिका निभाए।
डॉ. पीके पंडित और डॉ. संजीव कुमार बताते हैं कि लोग गलतफहमी में हैं कि हमें कोरोना नहीं है, इसलिए मास्क क्यों लगाएं। जबकि कोरोना संक्रमण दूसरे व्यक्ति के खांसने, छींकने से भी आ सकता है। मास्क लगाने से 75 प्रतिशत बचाव संभव है। कहा, शारीरिक दूरी का पालन भी बेहद अहम है। ऐसा करके आप सिर्फ खुद को ही नहीं बल्कि, परिवार और समाज को बचाने में सहयोग कर रहे हैं।
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार