रैंडम सैंपलिग की धीमी रफ्तार बढ़ा रही चिता

दिघवारा : कोरोना का दायरा तेजी से बढ रहा है। इसे रोकने के लिए रैंडम सैंपलिग की रफ्तार धीमी है। लोगों में रैंडम सैंपलिग जांच की मांग अधिक से अधिक उठने लगी है। बता दें कि प्रखंड के दो लाख आबादी में अब तक 300 से 400 रैंडम सैंपलिग के नमूने लिए गए हैं। जो महज 0.1 प्रतिशत यानी एक हजार आबादी में सिर्फ एक है। सैंपलिग की रफ्तार सुस्त होने से स्वस्थ लोगों के बीच छिपे पॉजिटिव केसों की पहचान नही हो पा रही है। जो संक्रमण के जरिया बन रहे हैं। प्रखंड में अब तक आधा दर्जन से उपर पॉजिटिव केस स्वास्थ्य विभाग की टीम के रैंडम सैंपलिग में ही उजागर हुए। इधर बारिश व उमस की वजह से मौसमी बीमारी ने दस्तक दी है। इसके लक्ष्ण भी कोरोना वायरस के तरह सर्दी व बुखार है। ऐसे में लोग भयभीत तो है ही, सीएचसी व निजी क्षेत्र के डाक्टरों को भी समझ में नहीं आ रहा है कि इनकी जांच कोरोना ओपीडी में की जाए या फिर मेडिसीन ओपीडी में। इधर, रोजाना बड़ी संख्या में बदन दर्द के साथ ही सर्दी बुखार से लोग पीड़ित हो रहे हैं। दिघवारा सीएचसी में कोरोना जांच की व्यवस्था नहीं है और स्वास्थ्य विभाग के रैंडम सैंपलिग की जांच नगण्य स्थिति में। स्थानीय समाजसेवी डॉ. अरविद कुमार, प्रो. कन्हैया सिंह, ब्रजेश सिंह आदि ने कोरोना संक्रमण बढ़ रहे मामले को देखते हुए लॉकडाउन में तेजी से रैंडम सैंपलिग वार्ड वार कराने की मांग जिला प्रशासन से की है।


- - - - - - - - - - - - - -
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार