रोजगार का अवसर मुहैया कराने के लिए श्रमिक समूह के ग्रुप लीडर से स्थापित करें समन्वय : डीएम

बेगूसराय : दूसरे राज्य से अपने घर वापस लौटे श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उद्योग विभाग द्वारा क्रियान्वित जिला औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना के तहत किए गए कार्यों की समीक्षा बैठक बुधवार को समाहरणालय स्थित कारगिल विजय भवन में हुई। जिसकी अध्यक्षता डीएम अरविद कुमार वर्मा ने की। बैठक में डीएम ने मौजूद अधिकारियों को श्रमिकों को रोजगार का अवसर मुहैया कराने के लिए श्रमिक समूह के ग्रुप लीडर से समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिले के औद्योगिक विकास के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति को ले घोषित लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों से वापस लौटे जिले के कुशल व अकुशल श्रमिकों जीविकोपार्जन के लिए स्थानीय स्तर पर ही रोजगार का अवसर प्रदान करने के लिए प्रशासन प्रयासरत है। इस दौरान उन्होंने नव प्रवर्तन योजनाओं के अन्तर्गत समूह आधारित सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिया कि यदि कोई श्रमिक समूह, फर्म, नव प्रवर्तन युक्त लघु कार्य यथा- सिलाई, बैग निर्माण, पेभर ब्लॉक, अगरबत्ती, वुडेन फर्नीचर, जूता निर्माण, कृषि संबद्ध कार्य आदि से संबंधित केंद्रों का निर्माण करना चाहते हैं, तो अपना विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र कार्यालय में जमा कर सकते हैं। ताकि ऐसे समूह को विभागीय निर्देश के आलोक में प्रशासनिक व वित्तीय मदद पहुंचाई जा सके।


बैठक में उपस्थित सुधा बरौनी डेयरी के एमडी ने कहा कि जिले में फ्लोर मिल की स्थापना की काफी संभावना है तथा इसको ले व्यापक कार्ययोजना तैयार कर कार्य किए जा रहे हैं। श्रम अधीक्षक ने कहा कि एचयूआरएल द्वारा 9, एनटीपीसी द्वारा 12, बुडको द्वारा 7, विद्युत विभाग द्वारा 30, आरडब्लूडी बलिया द्वारा 4, पीडब्लूडी द्वारा 11 के अतिरिक्त डीआरसीसी में लगाए गए रोजगार मेला के दौरान 39 व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। जबकि पीएचईडी द्वारा अब तक 270 श्रमिकों को चिन्हित किया गया है। डीएम ने एनएचएआइ के साथ भी समन्वय स्थापित करने का निर्देश बैठक में दिया। उन्होंने डीआरसीसी के प्रबंधक को काउंसीलिग के दौरान आने वाले श्रमिकों को उद्यम संबंधी विभिन्न योजनाओं यथा: प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना, मुद्रा योजना आदि के संबंध में जानकारी साझा करने का निर्देश दिया। ताकि इच्छुक श्रमिक इन योजनाओं के माध्यम से बैंक ऋण, अन्य सहायता आदि प्राप्त कर स्वरोजगार कर सकें। उन्होंने जिला उद्योग महाप्रबंधक को भी ऐसे श्रमिकों के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मौके पर डीडीसी सुशांत कुमार, जिला योजना पदाधिकारी अर्जुन सिंह, श्रम अधीक्षक अनील कुमार शर्मा, डीआरसीसी के प्रबंधक सुनीरा प्रसाद, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक महेंद्र यादव, पंकज गुप्ता समेत अन्य भी मौजूद थे।
Posted By: Jagran
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