तेल नदी का जलस्तर बढ़ा, 40 एकड़ में लगी फसल बर्बाद

कोपा। जलालपुर प्रखंड के भटकेशरी पंचायत से होकर गुजरने वाली तेल नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से पंचायत के रूसी, करिहाईं, गंभरीया, गंभरीया टोला, लीला किला व अन्य टोले के किसानों की 40 एकड़ में लगी फसल डूब गई है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार विशुनदेव पंडित के दो एकड़, हरिदंर मांझी के एक एकड़, अरविद सिंह के तीन एकड़ सहित चंद्रदेव राय, चंद्रिका राम, विश्वनाथ राम, प्रह्लाद राम, रामाशंकर राम, प्रभात पाण्डेय, छठ्ठीलाल राम, ललन वर्मा एवं राजकुमारी देवी के खेतों में लगी धान की फसल डूब गई। फसल के पानी में डूबने व सड़कर बर्बाद होने से किसानों में मायूसी छा गईं है । प्रखंड में 300 एकड़ में लगी मक्के की फसल बर्बादी के कगार पर

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संसू, जलालपुर : मानसून के शुरुआती दौर में ही अधिक वृष्टि हो जाने से खेत पानी से लबालब भर चुका है। जलजमाव से मक्के की फसल की सबसे अधिक बर्बादी हुई। प्रखंड में लगभग 300 एकड़ भूमि मक्के की फसल से आच्छादित है। जड़ के पास जलजमाव होने से पौधे सूखने लगते हैं। किसान अर्जुन सिंह, रामाधार सिंह, रुदल राम, मजलिसपुर के सत्येंद्र सिंह, हरि भूषण सिंह तथा गणेश सिंह ने बताया कि मक्के की फसल जलजमाव से बर्बाद हो चुकी है। किसानों ने मुख्यमंत्री से क्षतिपूर्ति देने की मांग की है। पुरैना में जलजमाव से बर्बाद हुई फसल
संसू, मढ़ौरा : प्रखंड के पुरैना चवंर में आधा दर्जन गांवों के किसानों की सैकड़ों एकड़ भूमि में लगी धान की फसल डूब गई है। पुरैना चंवर मिर्जापुर ,अगहरा व इसरौली पंचायत के कई गांवों को मिलाकर लगभग 17 सौ एकड़ में फैला हुआ है। जिसमें 16 सौ एकड़ में किसान खेती करते हैं। इस उपजाऊ भूमि में गेहूं, मक्के व धान की अच्छी उपज होती है। इस साल ताल पुरैना, बाजिदभोरहां, अगहरा, चंदा, गौरा बावन, मसहां जवईनियां, पटेरही व पियरपुरवां के हजारों किसानों द्वारा धान की रोपनी कर दी गयी थी। अचानक अत्यधिक वर्षा के वजह से चंवर में जलजमाव हो गया है। जिससे फसल पूरी तरह से डूब गयी।
Posted By: Jagran
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