ऋषि कुंड के जल को संरक्षित कर सिचाई की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग

मुंगेर । पहाड़ की तराई में अवस्थित ऋषि कुंड के गर्म जल को संरक्षित कर सिचाई की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग स्थानीय किसानों ने की है। जिससे की बारिश नहीं होने पर भी किसान साल में दो फसल आसानी से उगा सके। किसानों का कहना है कि ऋषि कुंड के पहाड़ियों से निकलने वाला जल बेकार में वहकर नदी में मिल जाता है। जिससे इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पाता है। पूर्व में ऋषि कुंड जल छाजन योजना के तहत ऋषि कुंड के जल को संरक्षित करने के लिए तालाब एवं नाला का निर्माण किया गया था। लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद मिट्टी भर जाने से नाला की गहराई कम हो गई है। जिसके कारण ऋषि कुंड के जल का उपयोग नहीं हो पाता है। अगर इसके जल को संरक्षित कर तथा नाले की उढ़ाई कर सिचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाए तो रतनपुर पंचायत सहित खड़गपुर प्रखंड के तेलियाडीह पंचायत के किसानों को भी सिचाई का साधन उपलब्ध हो सकता है। वर्तमान में रतनपुर एवं तेलियाडीह पंचायत में धान की खेती की जा रही है। दोनों पंचायत के किसानों की खेती वर्षा पर निर्भर है। कई दशक पूर्व नाले की गहरा रहने के कारण दोनों पंचायत के किसान ऋषि कुंड के जल से धान की पटवन करते थे। धान काटने के बाद गेहूं की फसल भी लगाते थे। सिचाई का पानी ऋषि कुंड के जल से मिल जाता था। लेकिन वर्तमान में नाले की गहराई कम हो जाने के कारण पानी खेतों तक नहीं पहुंच पाता है। जिससे किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है। कृषक संजय सिंह, मुकेश सिंह, मनोज कुमार सिंह, अजय सिंह सहित अन्य ने सरकार से ऋषि कुंड के जल को संरक्षित कर इसके पानी को खेतों तक पहुंचाने की व्यवस्था की आवश्यकता जताई है। जिससे कि किसानों को सिचाई का साधन उपलब्ध हो सके।

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Posted By: Jagran
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