तीन दिनों से मां की ममता और दूध को तरस रहे अबोध

बखरी (बेगूसराय) : डरहा गोलीकांड के बाद आक्रोशित ग्रामीणों के बवाल के प्रतिशोध में पुलिसिया कार्रवाई से उपजे हालात का खामियाजा यहां के लोगों के साथ-साथ कई मासूमों को भी भुगतना पड़ रहा है। पुलिस द्वारा कई ऐसी महिलाओं को भी जेल भेज दिया गया है जिनके अबोध बच्चे तीन दिनों से मां की ममता और दूध के लिए तरस रहे हैं। इनकी बेचारगी को देख लोगों का कलेजा फट रहा है। भूख से बिलबिलाते और मां के आंचल की छांव को ढ़ूंढ़ती इन मासूमों की पथराई आंखें हर आने-जाने वालों से बस एक ही सवाल करती है कि आखिर उनका कसूर क्या है जो उन्हें मां की गोद से अलग कर दिया गया।

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बताते चलें कि थाना क्षेत्र के डरहा गांव में शनिवार की रात्रि गोली लगने से गांव के योगेंद्र सदा की मौत हो गई थी। घटना को लेकर रविवार को आक्रोशित लोगों ने आरोपित के घर तोड़फोड़ और आगजनी करते हुए भारी बवाल काटा था। मामले को शांत करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। जिससे ग्रामीण और भड़क गए और पुलिस पर पथराव कर दिया। जिससे कई पुलिस कर्मी घायल हो गए थे। तब चोट खाई पुलिस ने न केवल घर से खींचकर लोगों खासकर महिलाओं की बेरहमी से पिटाई की बल्कि उनपर मुकदमा दर्ज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया।
इनमें महज सात माह की बच्ची फूलपरी की मां गिरिजा देवी, डेढ वर्ष के ओम कुमार की मां सेंपल देवी तथा पिता सिकंदर सदा, दो वर्ष के आयुष तथा तीन वर्ष के पियूष की मां पप्पी देवी को भी पुलिस ने जेल भेज दिया है। अब इन बच्चों की देखभाल के लिए स्वजनों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मुफलिसी के बीच परवरिश पा रहे इन बच्चों की भूख मिटाने के लिए न मां का दूध है न घर में भोजन के अन्य साधन। अपने आसपास मां को नहीं पाकर तथा भूख से उनका रो रोकर बुरा हाल है। उम्र में कुछ बड़े बच्चों को तो बिस्कुट आदि खिलाकर स्वजन और गांव वाले संभाल रहे हैं। परंतु, सात माह की फूलपरी को कौन संभाले। पुलिस सचेत रहती तो न चलती गोली न जाती जान : अवधेश राय
बखरी : मामले में बड़ी संख्या में महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है। क्या सचमुच उपद्रव में इनकी भूमिका थी। घटना के बाद से ही इस तरह की चर्चाएं यहां हो रही हैं। पूर्व विधायक सह भाकपा के जिला मंत्री अवधेश कुमार राय ने कहा कि घटना में पुलिस ने जो कार्रवाई की है उसमें अधिकांश निर्दोष महिलाएं हैं। दरअसल पुलिस अपनी अकर्मण्यता को छिपा रही है। जिला मंत्री ने कहा कि डरहा कांड पुलिस-अपराधी गठजोड़ का नतीजा है। थाना पर बैठकर कुछ लोग पुलिस को बरगला रहे हैं। उन्होंने कहा कि डरहा में दोनों पक्षों में दिन में ही झंझट हुआ था। आरंभ में ही पुलिस यदि सचेत हो जाती तो न गोली चलती और न ही योगेंद्र की जान जाती। घटना के बाद लोगों की प्रतिक्रिया और आक्रोश स्वाभाविक था। उस पर लाठीचार्ज और गरीब महादलितों खासकर महिलाओं की बेरहमी से पिटाई पुलिस की अकर्मण्यता को दर्शाता है। उन्होंने सरकार से घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल है। इसके बाद वे इस मुद्दे को ऊपर तक ले जाएंगे। पलायन करने वालों से महादलित से लौटने की अपील
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बखरी : नगर पार्षद सह क्षेत्रीय प्रभारी भाजयुमो बिहार प्रदेश के नीरज नवीन ने डरहा कांड पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रखंड के डरहा गांव में हुई महादलित योगेंद्र सदा की हत्या मर्माहत करने वाली है। हम मांग करते हैं कि हत्यारे को कड़ी से कड़ी सजा मिले। न्याय के साथ विकास वाली एनडीए सरकार में बिहार के सभी नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी सरकार की है। बखरी प्रशासन इस दिशा में लगातार तत्पर है। हमें धैर्य के साथ सरकार और स्थानीय प्रशासन को मदद कर न्यायपूर्ण व्यवस्था कायम रखना चाहिए। पलायन किए महादलित परिवार से भी अपील है कि अपने-अपने घर लौटें, सरकार और प्रशासन महादलित परिवार के सुरक्षा करेगी।
Posted By: Jagran
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